निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा का जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। इस साल निर्जला एकादशी 18 जून 2024 को मनाई जाने वाली है। आइए, जानते हैं कि भगवान विष्णु को किन चीजों का भोग लगाना चाहिए। साथ ही निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) की पूजा विधि क्या है।
भगवान विष्णु प्रिय भोग
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु को केले का भोग लगाना चाहिए। भगवान विष्णु को केले का भोग प्रिय माना जाता है। ऐसे में निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को इस चीज का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से घर में खुशियां बनी रहती हैं।
भगवान नारायण को पंजीरी का भोग भी बहुत पसंद होता है। निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन यदि विष्णु जी को पंजीरी का भोग लगाया जाए, तो कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। इतना ही नहीं, मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। भगवान कृष्ण को भी पंजीरी का भोग प्रिय माना जाता है।
गुरुवार और निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु की पूजा में पीली मिठाई जरूर शामिल करें। मान्यता है कि पीली मिठाई का भोग लगाने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा जातक पर बरसाते हैं। ऐसा करने से हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) पूजा विधि
– व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु का स्मरण करें।
– निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का व्रत करने का संकल्प लें।
– स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करें।
– मंदिर और पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें।
– चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की स्थापना करें।
– विधि-विधान से पूजा करें।
– भगवान विष्णु को पीले फूल चढ़ाएं।
– भगवान को फल, हल्दी, चंदन, चावल चढ़ाएं।
विष्णु चालीसा का पाठ करें।