नई दिल्ली| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तीन सितंबर को बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक करेंगी। उनकी यह बैठक कोविड-19 से जुड़े वित्तीय दबाव के समाधान के लिए एक बारगी कर्ज पुनर्गठन योजना के क्रियान्वयन से पहले हो रही है। उनकी इस बैठक का मकसद योजना का सुचारू और तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।
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वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, समीक्षा के दौरान इस बात पर गौर किया जाएगा कि आखिरकार किस तरह से कारोबारियों और लोगों को व्यवहार्यता के आधार पर पुनरुद्धार संबंधी व्यवस्था का सही ढंग से उपयोग करने में सक्षम बनाया जाए।
इसमें कहा गया है कि वित्त मंत्री गुरुवार को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और एनबीएफसी के शीर्ष प्रबंधन के साथ बैंक ऋणों में कोविड-19 संबंधी दबाव को लेकर समाधान व्यवस्था के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगी।
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पुनर्गठन लाभ वह कर्जदार ले सकते हैं जिनके ऋण की किस्त एक मार्च तक आ रही थी और चूक 30 दिन से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके अलावा रिजर्व बैंक द्वारा गठित के.वी कामत समिति इस बारे में वित्तीय मानदंडों पर काम कर रही है। समिति की सिफारिशों को उसके गठन के 30 दिनों के भीतर अधिसूचित किया जाना है। इसका मतलब है कि अधिसूचना छह सितंबर तक आ जानी चाहिए।