प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के चर्चित निठारी कांड (Nithari Case) में दोषी सुरेंद्र कोली (Surendra Koli) की 12 मामलों में और मनिंदर सिंह पंढेर की दो मामलों में फांसी की सजा रद्द कर दी है। कोर्ट ने इन केसों में सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह (Moninder Singh Pandher) दोनों को निर्दोष करार दिया है। कई दिनों तक चली बहस के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। सोमवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने सुरेंद्र कोली (Surendra Koli) को दोषमुक्त कर दिया। निचली अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका दायर की थी। कोठी D 5 के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर (Moninder Singh Pandher) को भी कोर्ट ने बरी कर दिया है। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की अदालत ने यह फैसला सुनाया।
विभिन्न खंडपीठों ने 134 दिन की लंबी सुनवाई की। कोली पर आरोप है कि वह पंढेर कोठी का केयरटेकर था और लड़कियों को लालच देकर कोठी में लाता था। निठारी गांव की दर्जनों लड़कियों गायब हो गई। वह उनसे दुष्कर्म कर हत्या कर देता था। लाश के टुकड़े कर बाहर फेंक आता था।
क्या है निठारी कांड (Nithari Case)?
7 मई 2006 को निठारी की एक युवती को पंढेर ने नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था। इसके बाद युवती वापस घर नहीं लौटी। युवती के पिता ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया था। इसके बाद 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे। पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था, बाद में निठारी कांड (Nithari Case) से संबंधित सभी मामले सीबीआई को स्थानांतरित कर दिए गए थे।
कोली और पंढेर की पूरी कहानी
सुरेंद्र कोली उत्तराखंड के अल्मोड़ा के एक गांव का रहने वाला है। सन् 2000 में वह दिल्ली आया था। दिल्ली में कोली एक ब्रिगेडियर के घर पर खाना बनाने का काम करता था। बताते हैं कि वह काफी स्वादिष्ट खाना बनाता है। साल 2003 में पंढेर के संपर्क में सुरेंद्र कोली आया। उसके कहने पर नोएडा सेक्टर-31 के डी-5 कोठी में काम करने लगा। साल 2004 में पंढेर का परिवार पंजाब चला गया। इसके बाद वह और कोली साथ में कोठी में रहने लगे थे। पंढेर की कोठी में अक्सर कॉलगर्ल आया करती थीं। इस दौरान वह कोठी के गेट पर नजर रखता था।
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आरोप है कि वह कोठी से गुजरने वाले बच्चों को पकड़ कर उनके साथ कुकर्म करता और फिर उनकी हत्या कर देता। हालांकि, निठारी गांव के लोगों का कहना है कि पंढेर की कोठी से शरीर के अंगों का व्यापार होता था। उनका कहना है कि वे बच्चों को मारकर उनके अंग निकाल लेते थे। उसे विदेशों में बेंचा जाता था।