पटना। बिहार में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर चर्चा का बाजार गर्म है। समझा जाता है कि गुरुवार को भाजपा और जनता दल (युनाइटेड) के वरिष्ठ नेताओं की मुलाकात के दौरान इस मामले को लेकर अंतिम मुहर लग गई है। सूत्रों ने बताया कि खरमास यानी 14 जनवरी के बाद नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है।
हिन्दू धर्म में मान्यता है कि खरमास के महीने में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। पटना मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवार शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल और दोनों उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद तथा रेणु देवी ने मुलाकात की है।
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मुलाकात के दौरान हालांकि क्या बात हुई इसपर भाजपा नेताओं ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली, वहीं जदयू नेताओं ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया है। इधर, सूत्रों का कहना है कि चाय की चुस्की के बीच मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा हुई है। समझा जाता है कि अरूणाचल प्रदेश में छह विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा और जदयू के रिश्ते में जो बर्फ जमी थी वह भी भाजपा और जदयू के नेताओं के मुलाकत बाद पिघली है।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह कहते हैं कि बड़े नेता मिल रहे हैं, तो मंत्रिमंडल का विस्तार कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। बड़े नेता आपसी बातचीत से यह तय कर लेंगे। उन्होंने अरूणाचल प्रदेश की घटना को भूलने का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा और जदयू का गठबंधन काफी दिनों से चल रहा है। बीच में ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जिसका कोई मायने नहीं है।
भूपेंद्र यादव ने जदयू के अध्यक्ष आर.सी.पी. सिंह से भी मुलाकात की थी। इस दौरान उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने पर बधाई दी। इधर, भाजपा के नेता और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी कहते हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार समय पर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कहीं कोई समस्या नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजग को बहुमत मिलने के बाद 16 दिसंबर को 14 मंत्रियों के साथ नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसमें से एक मेवालाल चैधरी का इस्तीफा हो चुका है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा और जदयू कोटे से 18 से 20 नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है।
मंत्रिमंडल विस्तार में राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी के कोटे से मंत्री बनाए जाने की उम्मीद नहीं है। मंत्रिमंडल में इन दोनों दलों के एक-एक मंत्री पहले से ही हैं। बता दें कि विपक्ष लगातार मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होने को लेकर भाजपा और जदयू पर निशाना साधते रहा है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार पर राज्य के सभी लोगों की नजर है।