गोरखपुर। यूपी में डेंगू (Dengue) का आतंक मचा हुआ है। सभी जिलों में सरकारी और प्राइवेट अस्पताल डेंगू के मरीजों से भरे पड़े हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज में किसी प्रकार से लापरवाही नहीं बरत रहा है। सभी मरीजों का अच्छे से इलाज किया जा रहा है, जिससे वह जल्द से जल्द स्वस्थ्य हो सकें। यूपी में बाहरी राज्यों से भी मरीज आकर इलाज कराते हैं। बिहार (Bihar) के कई जिलों से डेंगू मरीज इस समय सीएम सिटी गोरखपुर में इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं।
बिहार में भी डेंगू पैर पसार चुका है। वहां पर स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर न होने के चलते मरीजों को गोरखपुर आकर इलाज कराना पड़ता है। इस समय गोरखपुर में डेंगू के मरीजों की संख्या 205 पहुंच चुकी है। गोरखपुर मंडल के साथ-साथ बिहार के कई जिलों से मरीज यहां इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। बिहार के सिवान जिले के अंगौला गांव निवासी धन्नु कुमार इस समय गोरखपुर जिला अस्पताल में भर्ती हैं।
धन्नु कुमार ने बताया कि नौ नवंबर को उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी। वह 10 नवंबर की रात करीब दो बजे गोरखपुर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां तुरंत उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। धन्नु कुमार का कहना है कि गोरखपुर की स्वास्थ्य सेवाएं बहुत बेहतर हैं। उनका अच्छे से इलाज चल रहा है। डॉक्टर भी समय-समय पर आकर देख रहे हैं। किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है। वहीं बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर धन्नु कुमार ने कहा कि वहां की स्वास्थ्य सेवाएं बहुत खराब हैं। अस्पताल के नाम पर सिर्फ एक कमरा रहता है।
बिहार के अस्पतालों की हालत बेहद खराब
धन्नु कुमार बिहार सरकार को यूपी की सरकार से काफी सीखने की जरूरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) अभी छह सालों से ही मुख्यमंत्री हैं, लेकिन यूपी के जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं काफी सुधार दी गई हैं। गोरखपुर में तो बहुत ही बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं सरकार द्वारा दी जा रही हैं। वहीं नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इतने सालों से मुख्यमंत्री हैं, लेकिन अभी तक बिहार के अस्पतालों को नहीं सुधार पाए।
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धन्नु ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को नसीहत देते हुए कहा कि अगर उन्हें डेंगू हो जाए तो बाबा के अस्पताल में आकर इलाज कराएं, बिहार में न ही इलाज कराएं। गोरखपुर में आकर वह स्वास्थ्य सुविधाएं देख लें, उनको खुद ब खुद समझ में आ जाएगा कि बिहार अभी यूपी से कितना पीछे है। यहां किस प्रकार से मरीजों का ध्यान रखा जाता है, ये भी नीतीश कुमार को देखना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि बिहार से रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज कराने गोरखपुर आते हैं। सिवान, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण के लोग यहां इलाज के लिए आते हैं। यह भी कह सकते हैं कि वह गोरखपुर पर ही निर्भर हैं।