नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में फूट पड़ गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) प्रमुख नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
यह फैसला रविवार को दिल्ली में हुई पार्टी की संसदीय दल की बैठक में लिया गया है। चिराग पासवान ने पार्टी की केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद जीत के संकेत दिए हैं। लोजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान के नेतृत्व में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में फैसला लिया गया कि लोजपा नीतीश कुमार का नेतृत्व मंजूर नहीं कर सकती।
Delhi: Lok Janshakti Party (LJP)'s chief Chirag Paswan shows victory sign after the party's Central Parliamentary Board meeting.
Lok Janshakti Party (LJP) will not contest the upcoming #BiharElections with Janata Dal (United). pic.twitter.com/puvwFu0HjD
— ANI (@ANI) October 4, 2020
हालांकि भाजपा के साथ कुछ सीटों पर दोस्ताना मुकाबला हो सकता है। पार्टी उन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जहां जदयू के प्रत्याशी होंगे। बैठक के बाद लोजपा के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर व लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का भाजपा के साथ मजबूत गठबंधन है, लेकिन राज्य स्तर पर व विधानसभा चुनाव में गठबंधन में मौजूद जेडीयू से वैचारिक मतभेदों के कारण बिहार में लोजपा ने गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि कई सीटों पर जेडीयू के साथ वैचारिक लड़ाई हो सकती है ताकि उन सीटों पर जनता निर्णय कर सके कौन सा प्रत्याशी प्रदेश के हित में बेहतर है। उन्होंने कहा कि लोजपा ‘बिहार पहले बिहारी पहले’ दृष्टिपत्र को लागू करना चाहती थी, जिस पर समय रहते सहमति नहीं बन पाई।
खालिक ने कहा कि लोजपा और भाजपा में कोई कटुता नहीं है। लोकसभा में हमारा भाजपा के साथ एक मजबूत गठबंधन है, बिहार में भी हम चाहते थे कि वैसे ही चुनाव लड़ें। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों के उपरांत लोक जनशक्ति पार्टी के तमाम जीते हुए विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विकास मार्ग के साथ रहकर भाजपा-लोजपा सरकार बनाएंगे।
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खालिक ने कहा कि लोजपा का मानना है कि केन्द्र की तर्ज पर बिहार में भी भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनें। लोजपा का हर विधायक भाजपा के नेतृत्व में बिहार को प्रथम बनाने का काम करेंगे। लोजपा सूत्रों ने कहा कि उनकी पार्टी और और भाजपा में कोई कटुता नहीं है और मणिपुर के फार्मूले पर बिहार राजग अग्रसर है। सूत्रों ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव बाद लोजपा के सभी विधायक मणिपुर की तर्ज पर भाजपा सरकार बनने पर उसका समर्थन करेंगे।
लोजपा सूत्र ने कहा कि उनकी पार्टी वर्तमान में राजग का हिस्सा है और आगे भी रहेगी और बिहार विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी के सभी विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ और मजबूत करेंगे। लोजपा सूत्रों ने कहा कि इससे पूर्व में भी कई बार देखा गया है कि जो पार्टियां केन्द्र में गठबंधन का हिस्सा होती हैं, वे विभिन्न राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं।
भाजपा ने जहां दिल्ली विधानसभा का चुनाव लोजपा के साथ लड़ा, वहीं झारखंड एवं मणिपुर में दोनों दलों में कोई गठबंधन नहीं था। मणिपुर में चुनाव परिणामों के पश्चात् भाजपा और लोजपा ने मिलकर सरकार बनाई। लोजपा की केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में सभी सदस्य मौजूद थे।
पार्टी सांसद पशुपती पारस व महबूब अली कैसर तबीयत ठीक नहीं होने के कारण वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठक से जुड़े थे। लोजपा प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने बताया कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा के 243 सीटों में से 143 पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।