उत्तर प्रदेश के वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 42वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मेधावियों को गोल्ड मेडल और उपाधिया दीं।
इस दौरान छात्र-छात्राओं में काफी हर्ष का माहौल रहा। लेकिन इस माहौल में एक ऐसा भी चेहरा रहा जो चर्चा का विषय बना रहा। 69 वर्ष के उम्र ये बुजुर्ग आकर्षण का केंद्र बने रहे क्योंकि इन्होंने इस उम्र में लॉ की डिग्री हासिल की है। राज्यपाल से यह डिग्री मिलने के बाद वह काफी खुश नजर आए, लेकिन जब उन्होंने इस उम्र में पढ़ाई करने की कहानी बताई तो काफी दिलचस्प रही क्या है।
युवा छात्र छात्राओं के बीच में बैठे 69 वर्ष के बुजुर्ग सेवा निर्मित इंजीनियर है। इनका नाम सुरेंद्र प्रसाद है। रिटायर होने के बाद इन्होंने वकालत करने की ठानी और आज सुरेंद्र को गोल्ड मेडल मिला।
गोल्ड मेडलिस्ट 69 वर्षीय एलएलबी के छात्र सुरेंद्र ने बचपन का किस्सा बताया कि उनके परिवार के एक वकील ने विरोधी से मिलकर उन्हें एक मुकदमे में हरवाया था, तभी से वो एक जज बनना चाहते थे। लेकिन बाद में वो एक इंजीनियर बने और नौकरी से रिटायर होने के बाद उन्होंने काशी विद्यापीठ से एलएलबी पूरी की है।
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राज्यपाल आनंदी बेन ने गोल्ड मेडल हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं में खाता उत्सव रहा युवा छात्र- छात्रा खाता उत्साहित दिखे। लेकिन छात्राओं ने डिग्री और मेडल लेने के बाद अपने उज्जवल भविष्य की कामना की और अपने माता-पिता को श्रेय दिया।
कहते हैं कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है 69 साल की उम्र में वकालत की डिग्री हासिल कर सुरेंद्र प्रसाद ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिया और समाज में संदेश भी दिया। यदि आप कुछ करने की ठानी है तो उसके लिए उम्र बाधा नहीं बन सकता।
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इस दौरान कुलपति प्रो टीएन सिंह मौजूद रहे। इस बार भी छात्राओं ने ही बाजी मारी है। इस दौरान 60 छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इसमें छात्राओं की संख्या 41 और छात्रों की संख्या 19 है। शताब्दी समारोह के बाद होने वाले दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. आशुतोष शर्मा रहे।