मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच सीबीआई कर रही है। वहीं दूसरी तरफ सीएफएसएल (CFSL) की रिपोर्ट में सुशांत की हत्या से जुड़ा कोई सीधा सबूत नहीं मिला है। CFSL ने पाया कि सुशांत की मौत फांसी लगाने से हुई थी। सीन आफ क्राइम के री-क्रिएशन के बाद सुशांत की मौत मामले को फुल हैंगिंग मानने से इनकार कर दिया है।
CFSL ने सीबीआई टीम को अपनी जांच की यह रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में सुशांत की मौत को ‘पार्शियल हैंगिंग’ यानी पूर्ण फांसी नहीं कहा गया है। इसका अर्थ होता है मरने वाले का पैर पूरी तरह से हवा में नहीं था। यानी वह किसी चीज से टिका हुआ था। सुशांत मामले में उनके घर से किसी भी तरह का स्टूल नहीं मिला। ऐसे में संभव है कि उनका पैर बेड से टिका हुआ होगा।
आत्महत्या के ज्यादातर मामलों में पार्शियल हैंगिंग पाई जाती है। CFSL रिपोर्ट की मानें तो सुशांत ने दोनों हाथ का इस्तेमाल कर फांसी लगाई होगी। उसने अपने दाहिने हाथ का इस्तेमाल खुद को लटकाने के लिए किया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राइट हैंडर ही इस तरह से फांसी लगा सकता है। सुशांत ने हरे रंग के कपड़े से फांसी लगाई थी।
यूपी में अब चलेगा ऑपरेशन दुराचारी अभियान, अपराधियों के लगेंगे चौराहों पर पोस्टर
इसके अलावा लटकने के बाद गर्दन पर किस मात्रा में फंदे का दबाव पड़ा था, गर्दन पर फंदा कसने के कितनी देर तक शख्स जिंदा रहा और गले के कितने हिस्से पर फंदे का असर पड़ा। इन सभी तथ्यों को CFSL ने अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है।
सुशांत बिहार के रहने वाले थे। पटना से दिल्ली और फिर मुंबई का सफर उन्होंने अपने दम पर तय किया था। पटना में पैदा हुए सुशांत सिंह राजपूत चार बहनों के इकलौते भाई थे। 14 जून को सुशांत का शव उनके बांद्रा स्थित फ्लैट पर मृत पाया गया था। 14 जून की दोपहर को सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर से पूरा देश हिल गया। किसी को समझ ही नहीं आ रहा था कि करियर में बुलंदियों को छू रहे सुशांत ने फांसी लगाकर जान क्यों दी?