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बीस साल बाद भी महिला सिपाही का नहीं लगा सुराग

Inspector

The body of the inspector was found near the railway track

हमीरपुर। पुलिस विभाग गुमशुदा तो दूर मवेशियों तक को कुछ ही समय में खोज निकालने के दावे करता है। मगर अपने विभाग की महिला सिपाही (Female Constable) का बीस साल गुजरने के बाद भी सुराग नहीं लगा सका है। झांसी में तैनात जिले की राधा धुरिया जिंदा है या मुर्दा, यह कोई नहीं जानता है। महिला सिपाही का दिव्यांग भाई दुर्गा आज भी बहन को खोजने के लिए अधिकारियों की चौखट पर माथा टेकता घूम रहा है।

शहर के रहुनियां धर्मशाला मोहल्ला निवासी दुर्गा धुरिया ने बताया कि बहन राधा नवाबाद थाने में सिपाही के पद पर तैनात थी। 26 जनवरी 2002 को वह सम्मन तामील कराने जालौन जिले के डकोर गांव के लिए निकली थी। तब से वह लापता है। 20 साल गुजरने के बाद भी पुलिस उसे ढूंढने में रुचि नहीं ले रही है। उनका कहना है कि सम्मन तामील कराने गई राधा के बारे में विभागीय अधिकारियों का कहना था कि वह इलाहाबाद गई थी।

उसने बताया कि इस मामले में वह झांसी के पुलिस अधिकारियों से कई बार प्रार्थना पत्र देकर मिल चुका है। उसके गम में मां व पिता स्वर्ग सिधार चुके हैं। भागदौड़ में उसका घर तक बिक गया और वह दुर्घटना का शिकार होकर दिव्यांग हो गया।

अब वह बेघर होने के बाद भी बहन की तलाश के लिए अधिकारियों के दरवाजे खटखटाता घूम रहा है। मगर उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। जब भी वह झांसी जाता है तो वहां के अधिकारी गुमराह कर वापस कर देते हैं।

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