नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। इसी बीच 26 विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ आज अविश्वास प्रस्ताव (No-confidence Motion) दाखिल किया है। कांग्रेस ने लोकसभा (Lok Sabha) में अपने सदस्यों को कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए अपने संसदीय कार्यालय में उपस्थित होने के लिए व्हिप जारी किया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के सांसदों की मंगलवार सुबह हुई बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया गया।
बीआरएस सांसद ने भी दायर किया अविश्वास प्रस्ताव
बीआरएस सांसद नामा नागेश्वर राव ने भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दायर किया है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया।
कांग्रेस सांसद जेबी माथेर (Jebi Mather) ने कहा कि ‘संजय सिंह को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। वे उन्हें निलंबित कर सकते हैं, लेकिन वे उन्हें मुद्दे उठाने, लोगों की आवाज बनने से नहीं रोक सकते। उनका संसद में धरना जारी है। हम सब, टीम ‘इंडिया’ इस समय उनके साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्री संसद में (मणिपुर पर) क्यों नहीं बोल रहे हैं? वह क्यों भाग रहे हैं? इस सत्र की शुरुआत से ही हम बार-बार मांग कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री की ओर से चुप्पी है। उन्हें देशवासियों को विश्वास में लेना चाहिए, संजय सिंह और रजनी पाटिल का निलंबन तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।’
मोदी जी का हम तोड़ना चाहते हैं अहंकार : कांग्रेस सचेतक मनिकम टैगोर
आज लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मनिकम टैगोर ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन एक साथ है, इस गठबंधन ने इस विचार का प्रस्ताव रखा है और मंगलवार को इस पर निर्णय लिया गया था। आज कांग्रेस पार्टी के नेता इसे आगे बढ़ा रहे हैं। हम मोदी जी का अहंकार तोड़ना चाहते हैं। संसद में आकर मणिपुर पर बयान नहीं देकर वह एक अहंकारी व्यक्ति की तरह व्यवहार कर रहे हैं… हमें लगता है कि इस आखिरी हथियार का इस्तेमाल करना हमारा कर्तव्य है।
मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Congress MP Manish Tiwari) ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस देकर मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की है। डीएमके सांसद तिरुचि शिवा, राजद सांसद मनोज कुमार झा, कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन और आप सांसद राघव चड्ढा ने नियम 267 के तहत राज्यसभा में बिजनेस नोटिस को निलंबित करने और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग की है।
सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव एक राजनीतिक उद्देश्य के साथ एक राजनीतिक कदम है। एक ऐसा राजनीतिक कदम जो परिणाम लाएगा। अविश्वास प्रस्ताव उन्हें (प्रधानमंत्री) संसद में आने के लिए मजबूर करेगा। हमें देश के मुद्दों पर, खासकर मणिपुर पर संसद के अंदर चर्चा की जरूरत है। संख्याओं को भूल जाइए, वे संख्याएं जानते हैं और हम भी संख्याएं जानते हैं।
जनता को पीएम मोदी और भाजपा पर भरोसा: प्रह्लाद जोशी
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लोगों को पीएम मोदी और भाजपा पर भरोसा है। वे पिछले कार्यकाल में भी अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। इस देश की जनता ने उन्हें सबक सिखाया है।
सरकार हर स्थिति के लिए तैयार: अर्जुन राम मेघवाल
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव आने दीजिए, सरकार हर स्थिति के लिए तैयार है। हम मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं। सत्र शुरू होने से पहले, वे चर्चा चाहते थे। जब हम सहमत हुए तो उन्होंने नियमों का मुद्दा उठाया। जब हम नियमों पर सहमत हुए तो वे नया मुद्दा लेकर आए कि प्रधानमंत्री आएं और चर्चा शुरू करें। मुझे लगता है ये सब बहाने हैं।