लखनऊ| डीएलएड की परीक्षाओं को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हो पाया है। डीएलएड के हर सेमेस्टर में स्कूलों में पढ़ाने का प्रशिक्षण होता है। मार्च से स्कूलों में छुट्टी होने के कारण अभी तक यह प्रशिक्षण नहीं हो पाया है। वहीं पहले सेमेस्टर के विद्यार्थियों को किस आधार पर औसत नंबर दिए जाएंगे? ये और ऐसे ही कुछ सवालों के कारण डीएलएड के लिए एक कमेटी गठित कर पास करने का फार्मूला तैयार किया जाएगा।
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एससीईआरटी ने उच्च शिक्षा परिषद के नियमों के मुताबिक परीक्षा नियामक प्राधिकारी से प्रस्ताव मांगा है। लेकिन डीएलएड शिक्षण प्रशिक्षण का कोर्स है लिहाजा इस पर निर्णय लेने में थोड़ी कठिनाई हो रही हैं। उच्च शिक्षा में आखिरी सेमेस्टर की परीक्षाएं और बाकी सेमेस्टर में प्रोन्नत करने का आदेश जारी किया गया है लेकिन विभाग इसे अक्षरश: मानने से बच रहा है।
डीएलएड के हर सेमेस्टर में प्रैक्टिकल के रूप में स्कूलों में पढ़ाने के नंबर अलग से दिए जाते हैं, इसमें कैसे नंबर दिए जाएंगे। वहीं पहले सेमेस्टर के विद्यार्थियों को किस आधार पर नंबर दिए जाएं? वहीं उच्च शिक्षा ने अभी प्रोन्नति और बाद में परीक्षा देने का नियम बनाया है। लेकिन यदि विद्यार्थी बाद में फेल हो गया तो ? चूंकि इस कोर्स को करने के बाद विद्यार्थी शिक्षक बनने के लिए आवेदन करता है इसलिए इस नियम को अपनाने से विभाग पर कई तरह की याचिकाएं हो जाएंगी। लिहाजा परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रस्ताव भेजते समय इसका ध्यान रखेगा। डीएलएड का संचालन एससीईआरटी करता है।
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प्रवेश को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं
डीएलएड के प्रवेश को लेकर भी अभी स्थिति साफ नहीं हो पाई है। इसकी प्रवेश प्रक्रिया जुलाई में खत्म हो जाती है और सितम्बर से पढ़ाई शुरू होती है लेकिन इस बार समय से प्रवेश प्रक्रिया होना तो दूर, अभी तक आदेश भी जारी नहीं हो पाया है।