उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण और ऑक्सीजन की किल्लतों के बीच रविवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-11 के साथ समीक्षा बैठक की।
इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी अस्पताल चाहे वह निजी हो या फिर सरकारी मरीजों के इलाज से इनकार नहीं कर सकता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में जरूरी निर्देश देते हुए कहा कि सुनिश्चित किया जाए कि जिसे भी अस्पताल में भर्ती करने की जरुरत हो उसे बेड मिले।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा विगत 24 घंटों में प्रदेश में 35, 614 नए कोविड संक्रमित केस आए हैं, जबकि 25,633 लोग उपचारित होकर डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेश में अब तक 7.77 लाख से अधिक लोग अब तक कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। यह सुखद स्थिति ‘दवाई भी-कड़ाई भी’ के सूत्र को प्रभावी ढंग से अमल में लाने का परिणाम है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के निःशुल्क टीकाकरण का निर्णय लेने वाला पहला राज्य उत्तर प्रदेश है। एक मई से प्रारंभ हो रहे इस वृहद टीकाकरण अभियान के संबंध में भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं। 50-50 लाख डोज का ऑर्डर दोनों स्वदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनियों को भेज दिया गया है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराई जाएगी। इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। वैक्सीन वेस्टेज न हो, यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीआरडीओ के सहयोग से लखनऊ और वाराणसी में स्थापित कराए जा रहा सर्वसुविधायुक्त कोविड हॉस्पिटल अति शीघ्र क्रियाशील हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग सम्बंधित अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर डीआरडीओ को सभी आवश्यक संसाधन मुहैया कराए। इन अस्पतालों के संचालन से प्रदेश के चिकित्सा संसाधन और सुदृढ़ होंगे, कोई भी निजी अथवा सरकारी अस्पताल किसी भी कोविड मरीज के उपचार से इनकार नहीं कर सकता। नियमानुसार सरकार इनके उपचार का खर्च वहन करेगी, लेकिन मरीज को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आए लोगों को समुचित इलाज उपलब्ध कराया जाए।
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उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर, आआइएम लखनऊ और आईआईटी बीएचयू के सहयोग से ऑक्सीजन की ऑडिट कराने की कार्यवाही कराई जाए। इसी प्रकार, लखनऊ के एकेटीयू, गोरखपुर में एमएमएमयूटी, कानपुर में एचबीटीयू और प्रयागराज में एमएनआईटी से संपर्क स्थापित कर ऑक्सीजन ऑडिट कार्य में सहयोग लिया जाए. इन संस्थानों को इनके समीपस्थ अलग-अलग जिले आवंटित कर ऑडिट कराया जाए। ऑक्सीजन मांग-आपूर्ति-वितरण की लाइव ट्रैकिंग कराने की व्यवस्था लागू हो गई है। इसे प्रभावी बनाया जाए।
यह युद्धस्तर पर किए गए प्रयासों का ही नतीजा है कि आज उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की तरह हाहाकार की स्थिति नहीं है। ऑक्सीजन आपूर्ति सामान्य है। भारत सरकार ने प्रदेश का आवंटन बढ़ाया है। इसकी आपूर्ति यथाशीघ्र प्रदेश में कराई जाए.ऑक्सीजन एक्सप्रेस जैसे अभिनव सहयोग से बड़ा लाभ हुआ है। ऑक्सीजन एयरलिफ्ट भी कराई जा रही है। निजी हो या सरकारी, किसी कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का अभाव नहीं है।
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ऑक्सीजन टैंकरों की संख्या बढ़ाये जाने की जरूरत है। परिवहन विभाग इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करे। इसके अलावा, टैंकरों की आपूर्ति के लिए भारत सरकार से भी सहयोग प्राप्त किया जाए। प्रदेश के 100 बेड से अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए। यह शासन की शीर्ष प्राथमिकता का कार्य है।