• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

कोरोना पर राजनीति नहीं, प्रयास जरूरी

Writer D by Writer D
11/04/2021
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, राष्ट्रीय, विचार, स्वास्थ्य
0
corona in maharashtra

corona in maharashtra

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

सियाराम पांडे ‘शांत’

कोविड-19 की दूसरी लहर दिनों-दिन और अधिक मारक होती जा रही है। कोरोना संक्रमण के बनते रिकॉर्ड और बदतर होते हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर कोरोना के हालात की समीक्षा की और कोरोना को नियंत्रित करने के लिए कई ठोस सुझाव दिये। उन्होंने टीका उत्सव मनानेकी भी सलाह दी। इसमें संदेह नहीं कि भाजपा शासित राज्यों में उनकी सलाह पर अमल भी आरंभ हो गया है लेकिन देशमें नए कोरोना संक्रमितों की तादाद एक लाख 45 हजार के पार हो गई है। उसे किसी खतरेकी घंटी से कम नहीं आंका जा सकता।

कोरोना महामारी की शुरुआत से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्रियों के साथ समन्वय कर महामारी के प्रसार को एकजुटता के साथ रोकने का प्रयास कर रहे हैं और इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली थी, लेकिन जिस तरह दूसरी लहर अचानक खतरनाक हो गयी उसके पीछे कहीं न कहीं नागरिकों की उदासीनता और कोरोना की रोकथाम को लेकर राज्यों द्वारा बरती गयी ढिलाई जिम्मेदार है। दरअसल एक समय तो ऐसा भी आया जब कोरोना केस प्रतिदिन 98 हजार से घटते-घटते आठ-दस हजार के बीच पहुंच गया था। मध्य फरवरी तक इसी के आसपास बना रहा, लेकिन जैसे-जैसे संक्रमण घटता गया तो लोगों ने कोरोना को लेकर लापरवाही शुरू कर दी। कुछ तो ऐसे भी थे जो इसे बीमारी मानने के बजाय अफवाह बताने लगे थे। यही कारण है कि जब जनवरी माह में टीकाकरण शुरू हुआ तो पहले स्वास्थ्य कर्मियों जिनको कोरोना वॉरियर का दर्जा प्राप्त है और उसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर्स का नंबर आया, लेकिन इन दोनों वर्गों ने टीकाकरण में भारी उदासीनता बरती।

सीएम योगी ने लखनऊ में तत्काल दो हजार ICU बेड की व्यवस्था करने के दिए निर्देश

देश के बड़े चिकित्सकों, वैज्ञानिकों ने टीका लगवाकर संदेश देने का प्रयास किया, प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं अपनी बारी पर पहले ही दिन टीका लगवाया लेकिन फिर भी देश की उदासीनता खत्म नहीं हुई थी। लोग कोरोना को लेकर उदासीन बने रहे और टीकाकरण से भी बचते रहे। यही कारण है कि जनवरी और फरवरी में पूरे डेढ़ माह तक टीकाकरण के बावजूद भी सभी हेल्थ वर्कर्स एवं फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका नहीं लगाया जा सका। लोगों की उदासीनता के कारण बड़ी संख्या में वैक्सीन भी बर्बाद हुई। बहरहाल बढ़ते संकट के बीच एक बार फिर टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टेसिंग पर जोर दिया जा रहा है।

कानपुर, बरेली, नोएडा, प्रयागराज, अंबेडकरनगर में बनेंगे L-2 अस्पताल : अमित मोहन

वैक्सीनेशन को तेज करने का प्रयास हो रहा है। ऐसे में यह उम्मीद बंधी है कि जल्द ही कोरोना की दूसरी लहर का भी पीक आउट हो जायेगा और अगर बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन हो जाता है तो फिर तीसरी लहर का खतरा भी कम हो जायेगा। लेकिन इसके बावजूद हमे यह मानना पड़ेगा कि कोरोना की दूसरी लहर की पूरी आशंका के बावजूद देश ने जानलेवा लापरवाही बरती और अब इसकी बड़ी कीमत पूरे देश को चुकानी पड़ रही है। कोरोना संकट चरम पर पहुंच गया है इसलिए केन्द्र एवं राज्यों के साथ ही देश के हरेक नागरिक की कोरोना से निपटने में महती भूमिका है। इसलिए कोरोना पर बहस एवं विवाद करने के बजाय जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकारें समन्वय बनाकर कोरोना से प्रभावी तौर-तरीकों से निपटने का प्रयास करें।

इसके लिए प्रधानमंत्री ने सुरक्षा के सभी उपायों को लागू करने, मॉस्क, शारीरिक दूरी और हाथ साफ करने पर जोर देने के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर जरूरी पाबंदियां भी लगाने को कहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने ट्रिपल-टी फार्मूले को लागू करने के साथ ही 11 अपै्रल से 14 अपै्रल तक अर्थात ज्योतिबा फूले की जयंती से लेकर डा. भीमराव आम्बेडकर जयंती तक टीका उत्सव बनाने और इस दौरान अधिक से अधिक लोगो को टीका लगाने का आह्वान किया है।

यूपी में कोरोना के 12787 नए मामले, 48 मरीज कालकवलित

अगर हम प्रधानमंत्री के सुझावों पर ही पूरी तरह अमल करते हैं तो जल्द ही दूसरी लहर से राहत मिल सकती है। कोरोना से मौत के बढ़ते सिलसिले को देखते हुए महाराष्ट्र जैसे राज्य अगर पूर्णत: लॉकडाउन के पक्षधर हैं, वहीं अरविंद केजरीवाल दिल्ली में लॉकडाउन को विकल्प नहीं मान रहे हैं। वैक्सीन की उपलब्धता और अनुपलब्धता को लेकर भी राजनीति तेज हो गई है लेकिन हमें यह सोचना होगा कि यह समय राजनीति का नहीं, धैर्य के साथ अपने-अपने राज्य की जनता को कोरोना के मारक प्रभावों से बचानेका है।

Tags: Corona casualtycorona effecting worldcorona newscorona outbreakcorona symptomsCorona updateCoronaviruscoronavirus curecoronavirus newsCoronavirus Pandemiccoronavirus updatecoronavirus vaccinecovid 19 live updatescovid 19 symptomscovid 19 updatesCOVID-19lockdownWorld Health OrganizationWorld Hindi NewsWorld News in Hindiकोरोना वायरस का कहर
Previous Post

व्यापारी की गोली मार कर हत्या, जांच में जुटी पुलिस

Next Post

मोबाइल लूटने वाले गिरोह का भांडाफोड़, चार बदमाश गिरफ्तार

Writer D

Writer D

Related Posts

उत्तर प्रदेश

सिद्धार्थनगर जिले को मिला प्रथम आयुर्वेदिक चिकित्सालय

08/06/2025
Karela juice
Main Slider

इस आसान तरीके से तैयार हो जाता है यह हेल्दी ड्रिंक, आपके शरीर का रखता है ख्याल

07/06/2025
Gulab Sharbat
Main Slider

रिश्तों में मिठास घोल देगा यह ड्रिंक, चारों ओर से हो जाएगी तारीफों की बौछार

07/06/2025
Half-Burnt Wick
Main Slider

दीपक जलाने के इन नियमों का रखें ध्यान, घर आएंगी मां लक्ष्मी

07/06/2025
Gemstones
धर्म

ये रत्न धारण करने से हर क्षेत्र में होंगे कामयाब

07/06/2025
Next Post
arrested

मोबाइल लूटने वाले गिरोह का भांडाफोड़, चार बदमाश गिरफ्तार

यह भी पढ़ें

कनाडा ने भारत के फ्लाइट पर लगाया प्रतिबंध, कोरोना के न्यू वेरिएंट लेकर जताई चिंता

21/07/2021
CM Yogi

टीचर्स डे पर बोले सीएम योगी- समाज में शिक्षकों को विशिष्ट स्थान दिया गया

05/09/2023
सुशील मोदी Sushil Modi

लालू जेल से चला रहे पार्टी, चुनाव आयोग करे हस्तक्षेप : सुशील

02/09/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version