नई दिल्ली| आलू, प्याज, टमाटर और हरी सब्जियों की आसमान छूती कीमतों से परेशान आम आदमी को अभी महंगाई से राहत नहीं मिलने वाली है। अभी तीन महीने और महंगाई की मार पड़ सकती है। ऐसी आशंका एसबीआई इकोरैप की ताजा रिपोर्ट में जताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक खुदरा महंगाई दर अब दिसंबर के बाद ही 4 फीसद से नीचे आएगी।
जानें क्या मोदी सरकार कन्या आयुष योजना के तहत हर बच्ची को देगी 2000 रुपये
रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा 7 फीसदी या उससे ऊपर बना रह सकता है। यह आंकड़ा सोमवार को यानी 14 सितंबर को जारी होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड- 19 का संक्रमण अब ग्रामीण इलाकों में जिस तरह बढ़ रहा है, उससे यह मानना कठिन है कि सप्लाई चेन जल्दी फिर से सामान्य होंगी। इस स्थिति में मुद्रास्फीति बढ़ने का ही खतरा है।
बता दें जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 6.93 फीसद रही, जबकि पिछले साल जुलाई में यह आंकड़ा 3.15 फीसद था. मुद्रास्फीति में यह तेजी अनाज, दाल-सब्जियों और मांस-मछली के दाम बढ़ने की वजह से है।
पहली बार इंटरनेट, सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े ग्राहक बने परेशानी
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुद्रास्फीति को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में नीतिगत ब्याज दर में और कमी की उम्मीद कम ही है। फरवरी की बैठक में अगर कटौती की भी गई तो यह ज्यादा से ज्यादा 0.25 फीसद तक हो सकती है। फरवरी में मौद्रिक नीति समिति के पास मुद्रास्फीति के जो आंकड़े होंगे वे केवल दिसंबर तक के होंगे।