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कोई भी समाज अब स्वास्थ्य व्यवस्था को नजरअंदाज कर आगे नहीं बढ़ सकता : हेमंत

हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना महामारी की रोकथाम और उससे बचाव के लिए कारगर प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि संक्रमण से उत्पन्न विषम परिस्थिति ने भविष्य की स्वास्थ्य व्यवस्था और उसके महत्व को स्पष्ट कर दिया है इसलिए ‘जान है तो जहान है’ की स्थिति में कोई भी समाज अब स्वास्थ्य व्यवस्था को नजरअंदाज कर आगे नहीं बढ़ सकता।

श्री सोरेन ने शनिवार को देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में झंडोत्तोलन करने के बाद राज्य को संबोधित करते हुए कहा, “कोरोना ने हम सभी के समक्ष भविष्य की स्वास्थ्य व्यवस्था एवं उसके महत्व के बारे में स्थिति स्पष्ट कर दी है। राज्य में सामुदायिक स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए बड़ी संख्या में नए संस्थानों की आवश्यकता है। कोरोना काल में ‘जान है तो जहान है’ की स्थिति में कोई भी समाज अब स्वास्थ्य व्यवस्था को नजरअंदाज कर आगे नहीं बढ़ सकता है। हमारी सरकार भी उपलब्ध संसाधनों का सही ढंग से इस्तेमाल करते हुए इसे मजबूत करने को कटिबद्ध है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने हजारीबाग, डालटनगंज और दुमका के चिकित्सा महाविद्यालय के भवन का निर्माण कार्य शुरू कराया था। उनकी सरकार इस कार्य को पूर्ण कर वहां सभी उपस्कर उपलब्ध कराते हुए इन्हे प्रतिष्ठित चकित्सा महाविद्यालय के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने झारखंड वासियों की भावना के अनुरूप वह आज पलामू चिकित्सा महाविद्यालय का नाम मेदिनीराय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, हजारीबाग चिकित्सा महाविद्यालय का नाम शिख भिखारी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, दुमका चिकित्सा महाविद्यालय का नाम फूलो-झानो चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल और पाटलिपुत्र चिकित्सा महाविद्यालय का नाम बदलकर शहीद निर्मल महतो चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल करने की घोषणा की।

श्री सोरेन ने कहा कि जिस समय राज्य में कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हुआ तब प्रदेश में जांच के लिए एक भी लैब नहीं था। सैंपल को जांच के लिए कोलकाता भेजा जाता था। राज्य में युद्धस्तर पर कोराना संक्रमितों की जांच के लिए रांची, धनबाद और जमशेदपुर के चिकित्सा महाविद्यालयों तथा इटकी आरोग्यशाला में आरटीपीसीआर जांच की शुरुआत की गई। उन्होंने बताया कि राज्य में तीन चिकित्सा महाविद्यालयों दुमका, हजारीबाग और पलामू में कोविड-19 की जांच के लिए विशेष प्रयोगशाला स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। जिला स्तर पर जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला अस्पतालों में 97 ट्रूनेट मशीन इंस्टॉल किये गये हैं। भविष्य में प्रखंड स्तर पर ऐसी मशीनें स्थापित की जाएंगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचाव, रोकथाम एवं इलाज के लिए क्वारंटाइन केंद्र की व्यवस्था, सैंपल संग्रह, स्क्रीनिंग व्यवस्था तथा कोविड अस्पतालों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई। इस महामारी से बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमलोगों को जागरूक किया जा रहा है, जिससे संक्रमण को कम करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त हुई है।

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