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HIV के खोजकर्ता नोबेल विजेता वायरोलॉजिस्ट ल्यूक मॉन्तैनियर का निधन

Luc Montanier

Luc Montanier

पेरिस। मशहूर फ्रांसीसी शोधकर्ता और वायरोलॉजिस्ट ल्यूक मॉन्तैनियर (Luc Montanier) का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्हें एचआईवी वायरस (HIV) को खोज के लिए 2008 में नोबेल पुरस्कार (Noble Winner) से सम्मानित किया गया था।

हालांकि, हाल ही में उन्हें कोरोना वायरस के बारे में भ्रम फैलाने पर आलोचना का शिकार होना पड़ा था। फ्रांसीसी अधिकारियों ने बताया कि पेरिस के एक अस्पताल में 8 फरवरी, 2022 को मॉन्तैनियर ( Luc Montanier) का निधन हो गया।

एड्स होने की प्रक्रिया का किया था खुलासा

मॉन्तैनियर ने 1983 में स्यूमन इम्युनो डेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) की पहचान की और उस प्रक्रिया को समझाया जिसकी वजह से यह एड्स का कारण बनता है। इसके लिए उन्हें सहयोगी फ्रेंकोइस बरे-सिनौसी के साथ 2008 चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि एड्स के खिलाफ लड़ाई में मॉन्तनियर का योगदान उल्लेखनीय था।

कई अन्य शीर्ष सम्मान भी मिले

वे पॉश्चर इंस्टीट्यूट में एमेरिटम प्रोफेसर और सीएनआरएस में एमेस्टिस रिसर्च डायरेक्टर में उन्हें फ्रांस केसन ऑफ ऑनर सहित कई शोष पुरस्कार मिले।

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मॉन्तैनियर ने कोरोना वायरस लैब में बनाए जाने का किया था

2020 में उन्होंने दावा किया था कि कोरोना कापस प्राकृतिक तौर पर उत्पन्न नहीं हुआ है, पल्कि म में हेरफेर कर बनाया गया है। हालांकि, जीनोम अनुक्रम के विशेषज्ञों का कहना है कि मॉन्लेनियर की धारणा गलत और भ्रामक है।

कुछ दिन पहले उन्होंने एक डॉक्यूमेंट्री में दावा किया था कि कॉविड टोकों के कारण हो कोरोना वायरस के नए वैरिएंट बन रहे हैं। हालांकि, इस संबंध में भी विशेषज्ञों ने कहा कि टीके का व्यापक प्रयोग होने से पहले ही दुनियाभर में कोविंड के नए वेरिएट मिलने लगे थे

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