नई दिल्ली। फिल्मों और वेब सीरीज में भारतीय सैन्य अफसरों को गलत ढंग से दिखाए जाने वालों की खैर नहीं। रक्षा मंत्रालय ने सेंसर बोर्ड यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) और सूचना प्रसारण मंत्रालय को लिखा है कि फिल्म, डॉक्यूमेंट्री या वेब सीरीज में अगर आर्म्ड फोर्सेज को किसी भी तरह से दिखाया जाना है तो पहले रक्षा मंत्रालय से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लें। अगर एनओसी नहीं ली जाती तो उन पर कार्रवाई तय है।
रक्षा मंत्रालय के पास जो शिकायतें आई हैं उनमें वेब सीरीज कोड-एम, एक्स एक्स एक्स अनसेंसर्ड (सीजन-2) भी शामिल हैं। शिकायतों में कहा गया है कि इनमें जिस तरह आर्मी के बारे में जिक्र किया गया है और चित्रण किया गया है वह असलियत से कोसों दूर है और आर्म्ड फोर्सेस की छवि खराब करने वाला है।
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कुछ पूर्व सैनिकों ने तो इसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई है और ओटीटी प्लेटफॉर्म और प्रोड्यूसर पर लीगल एक्शन लेने की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय को कई शिकायत मिली जिसमें कहा गया कि कई वेब सीरीज में इंडियन आर्मी के लोगों का गलत तरीके से चित्रण किया गया है और साथ ही मिलिट्री यूनिफॉर्म की बेइज्जती की गई है।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड और सूचना प्रसारण मंत्रालय को रक्षा मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि यह सब उन घटनाओं को रोकने के लिए किया जा रहा है जो रक्षा बलों की छवि को बिगाड़ते हैं और रक्षा कर्मियों और दिग्गजों की भावनाओं को आहत करते हैं।
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रक्षा मंत्रालय को मिली शिकायत में कहा गया है कि एएलटी बालाजी पर प्रसारित वेब सीरीज कोड M और जी5 की एक्सएक्सएक्स अनसेंसर्ड (सीज़न -2) जैसी सीरीज में सेना को लेकर कुछ ऐसे दृश्य दिखाए गए हैं जो वास्तविकता से काफी दूर हैं।