कानपुर। कोरोना काल में देशभर के 4.5 करोड़ लोगों के परिवार के लिए राहत भरी खबर है। अब किसी भी ईपीएफ सदस्य की अचानक मौत पर नॉमिनी को इश्योरेंस के 7 तक लाख रुपये मिलेंगे। अभी 6 लाख रुपये तक ही दिए जाते थे। ईपीएफओ की पेंशन-ईडीएलआई कमेटी ने इसे मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही पेंशन स्कीम 1995 की जगह नई स्कीम लाने की तैयारी शुरू की गई है।
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अंशधारक की बीमारी, दुर्घटना, असामायिक या स्वाभाविक मौत पर 1976 से इम्प्लॉयज डिपॉजिट लिंक्ड इन्श्योरेंस स्कीम शुरू कर रखी है। इस संबंध में ईपीएफओ केंद्रीय न्यासी बोर्ड के सदस्य हरभजन सिंह ने बताया कि पेंशन कमेटी ने नए फैसले को मंजूरी दे दी है। हाई पॉवर कमेटी गठित कर दी गई है। औपचारिक मुहर बुधवार को सीबीटी की बैठक में लगेगी। न्यूनतम इंश्योरेंस की धनराशि ढाई लाख ही रहेगी।
सदस्यों ने बैठक में पूछा कि बिना मांग के नई पेंशन स्कीम लाने का औचित्य क्या है। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है। फिर ईपीएफओ की नई पेंशन स्कीम समझ से परे है। सदस्यों ने ईपीएफओ की पेंशन स्कीम 1995 को ही मजबूत करने का सुझाव दिया है।
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अंशधारक की अचानक मौत पर नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी बीमा राशि के लिए फार्म-5 भरकर क्लेम कर सकता है। नॉमिनी अगर माइनर है तो उसकी तरफ से गार्जियन क्लेम कर सकता है। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को डेथ सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट और बैंक ब्योरा देना होगा। क्लेम के 30 दिन में भुगतान नहीं होने पर नॉमिनी को 12 फीसदी ब्याज अतिरिक्त मिलेगा।