पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बड़ा ऐलान किया। बताया कि मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 93% जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। ये उत्तर भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा।
594 किलोमीटर का सफर लोग साढ़े 6 घंटे में पूरा कर सकेंगे। अभी तक इतनी दूरी तय करने के लिए कम से कम 11 से 12 घंटे लगते हैं। यही नहीं, मेरठ से लखनऊ पहुंचने में केवल 5 घंटे लगेंगे। इसके लिए शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में सीएम योगी ने 5,100 करोड़ रुपए का सिक्योरिटाइजेशन लोन ट्रांसफर किया।
ये होंगी एक्सप्रेस-वे की खासियत
– गंगा एक्सप्रेस-वे से मेरठ-प्रयागराज तक के 519 गांव जुड़ेंगे।
– एक्सप्रेस-वे 6 लेन का होगा। इसे आगे बढ़ाया भी जा सकेगा।
– एक्सप्रेसवे के निर्माण का पहला चरण 596 किलोमीटर लंबा होगा।
– इसमें मेरठ, ज्योतिभा फुले नगर, हापुड़, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले शामिल होंगे।
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– गंगा एक्सप्रेस-वे पर चलने वाले वाहनों की टॉप स्पीड 120 किमी प्रति घंटे तक सीमित रहेगी।
– गंगा एक्सप्रेस-वे में 14 बड़े और 126 छोटे पुल बनाए जाएंगे।
इसके अलावा आठ रोड ओवरब्रिज और 18 फ्लाईओवर होंगे। एक्सप्रेस-वे के रूट में पड़ने वाली गंगा नदी पर एक किलोमीटर का पुल और रामगंगा पर 720 मीटर का पुल बनाया जाएगा।
इस एक्सप्रेस-वे पर नौ जन सुविधा परिसर, 2 मेन टोल प्लाजा और 12 रैंप टोल प्लाजा होंगे। एक्सप्रेस-वे के पास कई तरह की इंडस्ट्री खोलने की भी तैयारी है। इसके अलावा इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, मेडिकल इंस्टीट्यूट की स्थापना भी होगी।