नई दिल्ली। फाइजर वैक्सीन अमेरिका की है, एक बार फिर इस वैक्सीन पर सवाल उठ रहे हैं। यह सवाल रूस की न्यूज़ एजेंसी स्पुतनिक की रिपोर्ट के बाद उठने लगा है। रूसी न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक फाइजर की वैक्सीन लगने के बाद नार्वे में 13 लोगों की मौत हो गई। जिन लोगों की मौत हुई वह सभी बुजुर्ग थे। इन बुजुर्गों के मौत का कारण वैक्सीन का साइड इफेक्ट बताया जा रहा है।
वही नार्वे की मेडिसिन एजेंसी ने भी एक अपील की है, कमजोर लोगों को वैक्सीन लगाने को लेकर एक बार फिर विचार किया जाना जरूरी है। हालांकि नार्वे की मेडिसिन एजेंसी ने भी माना है कि जो दावा वैक्सीन को लेकर जोखिम का किया जा रहा था, वह बहुत कम है।
दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर गुलेरिया ने खुद लगवाई वैक्सीन
मिली जानकारी के मुताबिक दिसंबर महीने के अंतिम दिनों में नार्वे में फाइजर का वेक्सीनेशन शुरू हुआ था। तब से 33000 लोगों को टीका लगाया जा चुका है। कंपनी ने वैक्सीनेशन से पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि कुछ लोगों में वैक्सीनेशन कराने के बाद साइड इफेक्ट के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। मेडिसिंस एजेंसी के मुताबिक अब तक साइड इफेक्ट्स के बहुत कम मामले सामने आए।
एक न्यूज़ वेबसाइट के मुताबिक 23 लोगों की मौत को नॉर्वेजियन मेडिसिन एजेंसी ने फाइजर के टीके के साथ जोड़ा है। जांच में पता चला है कि जिन 13 मरीजों की मौत हुई है वह सब नर्सिंग होम में रहने वाले कमजोर बुजुर्ग थे। जिनकी उम्र 80 से 90 साल की बताई जा रही है।
मैडसेन के मुताबिक फाइजर वैक्सीन को लेकर जो नतीजे अब तक आए हैं, चाहे वह साइड इफेक्ट की ही क्यों ना रहे हो उसे लेकर परेशानी की कोई बात नहीं है।