लखनऊ। लोकसभा चुनाव में यूपी के लाइसेंसी असलहाधारियों को बड़ी राहत मिली है। अब चुनाव में सबको असलहा (Weapons) जमा नहीं कराने होंगे। जिस किसी से कानून व्यवस्था को खतरा हो तो उसके लिए स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर और संबंधित को कारण बताकर असलहा जमा कराने के लिए कहा जा सकता है। ये आदेश 22 मार्च 2024 को हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने रवि शंकर तिवारी और अन्य की याचिका की सुनवाई के दौरान दिए।
बता दें कि चुनाव के दौरान प्रशासन सबके असलहे (Weapons) जमा करा लेता था। हाईकोर्ट का 2022 का ही निर्णय था कि जनरल ऑर्डर निकाल के शस्त्र जमा करने को नहीं कहा जा सकता। इस बार के आदेश में अपने पुराने आदेश को ही दोहराया है। आदेश का पालन नहीं होने पर अमेठी के एक व्यक्ति ने याचिका दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने था टिप्पणी की है।
जस्टिस अब्दुल मोइन ने रवि शंकर तिवारी बनाम यूपी राज्य, जिला अधिकारी अमेठी व तीन अन्य की याचिका संख्या 2844/2024 की सुनवाई में ये फैसला सुनाया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य चुनाव में सुरक्षा उपायों को आधार बनाते हुए लोगों से असलहा जमा कराने के लिए नहीं कह सकते हैं।
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जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि यदि किसी असलहाधारी से कानून व्यवस्था को खतरा लगता हो उसके लाइसेंस को जमा कराया जा सकता है, लेकिन इसके लिए स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा उसे भी असलहा (Weapons) जमा करने का कारण बताना होगा। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि डीएम की अध्यक्षता में एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई जाए। जिसमें एसपी, एडीएम और एएसपी को सदस्य रखा जाए।