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देश की स्वाधीनता से बढ़कर कुछ भी नहीं हो सकता है : योगी

cm yogi

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की स्वाधीनता से बढ़कर कुछ भी नहीं हो सकता है और इस आजादी को हर हाल में सुरक्षित रखना हर भारतीय का दायित्व बनता है।

श्री योगी ने सोमवार को काकोरी ट्रेन ऐक्शन की 97 वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि देश की आजादी का यह अमृत महोत्सव हम सबको नई प्रेरणा के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। काकोरी शहीद स्‍मारक पर आयोजित कार्यक्रम में राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम में स्‍वतंत्रता संग्राम के शहीदों के परिजनों को सम्‍मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली चार फरवरी को गोरखपुर से चौरी चौरा काण्ड के शताब्दी समारोह का शुभारंभ किया था। उत्तर प्रदेश में चौरीचौरा की घटना के साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव का भव्य आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साबरमती आश्रम से प्रारंभ किया था। 12 मार्च से प्रारंभ यह अमृत महोत्‍सव 75 सप्ताह तक चलने वाला आयोजन है। अमृत महोत्सव का मतलब आजादी का अमृत महोत्सव यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणा का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी आत्मनिर्भरता का अमृत। इन पंच सूत्रों के माध्यम से पांच प्रमुख मंत्र अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री ने दिए थे ।

उन्होने कहा कि काकोरी ट्रेन ऐक्शन वर्षगांठ का यह कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव की एक नई कड़ी के रूप में आयोजित हो रहा है। उन्होने कहा “ हम सब जानते हैं कि ब्रिटिश हुकूमत ने इस देश के स्वाधीनता संग्राम सेनानियों, क्रांतिकारियों के साथ किस किस प्रकार का अत्याचार किया था। काकोरी ट्रेन एक्शन के मामले ने कहा जाता है कि क्रांतिकारियों ने अपने स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए यहां पर जिस घटना को अंजाम दिया था उसमें उनके हाथ केवल 4600 रुपए लगे थे लेकिन अंग्रेजों ने देश के क्रांतिकारियों के खिलाफ कार्यवाही ,मुकदमे चलाने और उन्हें फांसी पर लटकाने तक जो धनराशि उस समय खर्च की थी वह 10 लाख थी। क्रूरता की यह कहानी हम सब की आंखे खोलने वाली है। यह हमें हमेशा इस बात का एहसास कराता है कि देश की स्वाधीनता से बढ़कर के कुछ नहीं हो सकता है।”

पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक़ उल्ला खान, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा देश की क्रांति की ज्वाला बुझने ना पाए कि इसके लिए इन महान क्रांतिकारियों ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य किया था। देश अंग्रेजी हुकूमत के सामने कभी झुका नहीं। सामूहिक रुप से 1857 का देश का प्रथम स्वतंत्र समर जिसमें झांसी की रानी लक्ष्मीबाई,मंगल पांडे और मेरठ के क्रांतिकारियों ने अलग स्‍थानों पर क्रांति की जिस लौ को बढ़ाया था चौरीचौरा की घटना उसकी अगली कड़ी थी।

चौरीचौरा के बाद काकोरी ट्रेन ऐक्शन ने उसी कड़ी को नई मजबूती देते हुए ब्रिटिश हुकूमत की जड़ों को हिलाने का काम किया था। इस लिए क्रूर ब्रिटिश हुकूमत ने उस समय सभी क्रांतिकारियों को बड़ी यातनाएं दी। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर जेल में ले जाया गया वहां उन्हें फांसी दी गई। ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक़ उल्लाह खान, राजेंद्र नाथ लाहड़ी को गोंडा, फैजाबाद और इलाहाबाद की जेलों में उन्हें फांसी दी गई। चंद्रशेखर आजाद ब्रिटिश हुकूमत के हाथ नहीं पड़े और अंतिम दम तक लड़ते हुए शहादत प्राप्त की थी।

श्री योगी ने कहा कि दुनिया को इस बात का एहसास कराने की आवश्यकता है कि 136 करोड़ की आबादी का यह भारत किसी भी प्रकार के जाति मजहब क्षेत्र भाषा या किसी भी प्रकार के नेताओं से ऊपर उठकर के केवल अपने एक धर्म के साथ जुड़ा है। वह हमारा राष्ट्र धर्म। उस राष्ट्र धर्म के साथ जुड़ कर के हम सब भारत की स्वाधीनता को अच्छुण्य बनाए रखने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए अपने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना प्रारंभ कर दें। जिसका जो दायित्व है, वह अपने दायित्व का निर्वहन प्रारंभ कर दे तो भारत दुनिया की एक महाशक्ति के रूप में सामने होगा।

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