समलैंगिक विवाह को लेकर दायर की गई याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। अदालत ने अब इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गई है कि समलैंगिक विवाह को मान्यता दी जाए और इसे स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शामिल किया जाए। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 8 जनवरी 2021 को होगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने नोटिस में कहा है कि ये कोई सामान्य याचिका नहीं है, ऐसे में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि इसे गंभीरता से लें। ये नागरिक के अधिकारों का सवाल है। सुनवाई के दौरान रजिस्ट्रार के वकील ने कहा कि सनातन धर्म के पांच हजार साल के इतिहास में इस प्रकार का मामला नहीं आया है।
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इस मामले में दो कपल याचिकाकर्ता हैं। एक व्यक्ति को अपनी मर्जी के शख्स से शादी करने से लिंग के आधार पर रोका गया। दूसरा कपल जिसने न्यूयॉर्क में शादी की थी, लेकिन भारतीय कॉन्सुलेट में उनकी शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका था।
याचिकाकर्ताओं की ओर से मेनका गुरुस्वामी ने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं को बिल्डिंग में नहीं घुसने दिया जा रहा है। जो न्यूयॉर्क से हैं वो एक जज हैं, उनके साथ ही ऐसा ही व्यवहार किया गया।
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आपको बता दें कि इससे पहले भी एक याचिका में केंद्र की ओर से अदालत में जवाब दिया गया था। केंद्र सरकार ने तब अदालत में कहा था कि ये हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है, ऐसे में इसे कानून में जगह नहीं दी गई है।