लखनऊ। पिछले पांच सालों में उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को तेजी से बढ़ावा मिला है। साल 2007 से 2017 तक बसपा और सपा के कार्यकाल में प्रदेश अस्पतालों में बेड की किल्लत, जर्जर सीएचसी पीएचसी, डॉक्टरों व मेडिकल कॉलेज की कमी से जूझ रहा था पर साल 2017 के बाद योगी सरकार (yogi government) ने जब से सत्ता की कमान संभाली तब से अब तक न सिर्फ प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हुई हैं बल्कि प्रदेशवासियों को समय से चिकित्सीय सेवाएं मिल रही हैं।
पिछली सरकारों में चिकित्सा के क्षेत्र में हाशिए पर रहे जनपदों को कम समय में पहली पंक्ति में लाकर खड़ा करने का काम योगी सरकार ने किया है। अब प्रदेश के 12 जिलों के कैंसर मरीजों को योगी सरकार बड़ी राहत देने जा रही है।
वन डिस्ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज की नीति पर काम कर रही प्रदेश सरकार ने यूपी में 59 जनपदों में न्यूनतम एक मेडिकल कॉलेज (medical colleges ) क्रियाशील करने का काम किया है वहीं मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ पीपीपी मॉडल (PPP Model) पर 16 जिलों को मेडिकल कॉलेज की सौगात देने का बड़ा फैसला भी किया है। इतना ही नहीं अब प्रदेश में दूसरे जिलों के कैंसर मरीजों को लखनऊ के चक्कर नहीं लगाने होंगे। कैंसर मरीजों को उनके ही जिले में कैंसर की जांच से जरूरी सलाह व उपचार भी मिलेगा।
बाबा विश्वनाथ का आज चढ़ेगा तिलक, दामाद के रूप में भक्तों को देंगे दर्शन
प्रदेश के 12 जिलों में खुलेगा कैंसर सहायता केंद्र
लखनऊ का केजीएमयू प्रदेश के 12 शहरों में कैंसर मरीजों के लिए सहायता केंद्र (पेरिफेरल सेंटर) स्थापित कर रहा है। इसमें से गोरखपुर वाराणसी, अयोध्या कन्नौज, सैफई, प्रयागराज में केंद्र बन गए हैं। यह जानकारी केजीएमयू के रेडिपोधेरेपी विभाग की डॉ. कीर्ति श्रीवास्तव ने दी इन केंद्रों के डॉक्टरों को विश्व कैंसर दिवस पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इनमें भी बनेगा केन्द्र
सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली गोंडा बहराइच प्रतापगढ़ आदि 12 जिले हैं। यहां पर भी केन्द्र बनेंगे। पेरिफरल सेंटर केजीएमयू के रेडियोथेरेपी विभाग द्वारा संचालित होंगे इन केंद्रों पर आने वाले मरीजों की पहले स्क्रीनिंग होगी। पुष्टि के बाद उस जिले के मेडिकल कालेज या जिला अस्पताल में ऑपरेशन या सिकाई होगी। यदि वहां उपचार सम्भव नहीं है तो मरीज को यहां बुलाएंगे।