Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

अब पूर्वी लद्दाख के देमचॉक में दिखा चीनी टेंट, राहुल गांधी बोले- ‘मोदी को नहीं पता चीन से कैसे निपटा जाये’

अब पूर्वी लद्दाख के देमचॉक में दिखा चीनी टेंट, राहुल गांधी बोले- ‘मोदी को नहीं पता चीन से कैसे निपटा जाये’

नई दिल्‍ली. वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बीते करीब डेढ़ साल से जारी तनाव के बीच अब देमचॉक में चार्डिंग नाला पर चीनी टेंट देखे गए हैं। यह सब ऐसे समय में सामने आया है, जबकि दोनों पक्षों के बीच विवाद के समाधान के लिए अगले 12वें दौर की सैन्‍य वार्ता 31 जुलाई को तय हो गई है।

अधिकारियों का कहना है कि इन टेंट में रह रहे लोग ‘तथाकथित नागरिक’ हैं और भारत के बार-बार वहां से हटने को कहे जाने के बाद वे वहां बने हुए हैं। भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर स्‍तर की पिछली वार्ता अप्रैल में हुई थी, जिसमें डिस्‍एंगेजमेंट और डिएस्‍कैलेशन को लेकर बात हुई थी।

भारत-चीन के बीच 12वें दौर की वार्ता 31 जुलाई को, कोर कमांडर लेवल की होगी मीटिंग

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

इस बीच पूर्व कांग्रेस अध्‍यक्ष और लोकसभा सदस्‍य राहुल गांधी ने देमचॉक में चीन की गतिविधियों को लेकर सोमवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला।

उन्‍होंने कहा, सरकार को इस बारे में कुछ भी पता नहीं है कि चीन से किस तरह से निपटा जाए। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा कि सरकार चीन की गतिविधियों की उपेक्षा कर रही है, जिससे आगे चलकर समस्‍या हो सकती है।

भारत-चीन ज्‍वाइंट वर्किंग ग्रुप्‍स (JWG) की 1990 के दशक में बैठक हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने डेमचॉक और ट्रिग हाइट्स को विवादित बिंदुओं के रूप में स्‍वीकार किया था।

सदन में फिर विपक्ष का हंगामा, लोकसभा और राज्यसभा दोपहर तक के लिए स्थगित

भारत-चीन के 12वें दौर की बैठक 31 जुलाई को

भारत-चीन के मिलिट्री ऑफिसर्स की 12वें दौर की बैठक 31 जुलाई को होगी। चीन ने पहले 26 जुलाई को बातचीत की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने कारगिल विजय दिवस की वजह से मीटिंग को किसी और दिन करने की मांग की थी।

भारत का फोकस गोगरा, हॉट स्प्रिंग और देसपांग में 900 किलोमीटर इलाके में जारी तनाव को खत्म करने पर है। भारत चाहता है कि यहां पिछले साल की स्थिति बहाल की जाए, लेकिन चीन इसके लिए तैयार नहीं है। भारत गोगरा और हॉट स्प्रिंग में सभी मुद्दों को तत्काल हल करना चाहता है, क्योंकि देपसांग पर आम सहमति बनने में समय लग सकता है।

कारगिल युद्ध से जुड़े 10 चौंकाने वाले खुलासे, नाकाम पाक ने खुद खोली थी अपनी पोल…  

11 बार हो चुका है बैठक, लेकिन नतीजा कोई नहीं

इससे पहले हुई 11 बैठकों में पूर्वी लद्दाख में उत्तरी और दक्षिणी पैगॉन्ग लेक इलाके में डिसएंगेजमेंट को लेकर सहमति बनी थी। सेना के सूत्रों के मुताबिक, इन इलाकों में डिसएंगेजमेंट के बाद दोनों देशों की सेना अपनी-अपनी परमानेंट पोस्ट तक पहुंच गए हैं।

‘ये दिल मांगे मोर…’ कारगिल हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा की आखिरी आवाज अब तक गूंजती हैं कानों में…  

कई महीनों से आमने-सामने थे सैनिक

गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के रिश्ते खराब चल रहे हैं। दोनों की सेनाएं भारी हथियारों और हजारों सैनिकों के साथ आमने-सामने हैं। भारत ने आर्मी, एयरफोर्स और नेवी तीनों के खतरनाक कमांडो इस इलाके में तैनात कर रखे हैं। फाइटर जेट कई महीने से लगातार उड़ान भर रहे हैं। लंबी तैनाती के हिसाब से भारत ने रसद समेत दूसरा जरूरी सामान पहले ही पहुंचा दिया था।

Exit mobile version