सरकार द्वारा धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनने के बाद भी मासूमों को बरगलाकर धर्म परिवर्तन कराने का मामला शांत नहीं हो रहा है। अब एक बार फिर रायबरेली के सलोन कोतवाली क्षेत्र में धर्मांतरण का मामला सामने आ गया। इस बार इलाके के उमरान गांव में हिन्दू से ईसाई बनाया जा रहा था। इसके लिए कुछ लोग एकत्रित होकर संदिग्ध गतिविधियां कर रहे थे। तभी राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी और एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया।
जानकारी के अनुसार, रायबरेली के सलोन थाना इलाके के पटेल नगर उमरन का है, जहां पर ऊंचाहार के रहने वाले शंकर लाल ने एक जगह पर एकत्रित कुछ लोगों की संदिग्ध गतिविधियां देखी। जब उन्होंने जानकारी हासिल की तो उन्हें हिन्दू धर्म के बारे में भ्रमित करने जैसा कुछ शक हुआ।
उनकी जानकारी के मुताबिक, यहां चार लोग जो अलग- अलग इलाकों से आये थे, वे हिन्दू परिवारों को इकट्ठा कर यीशू मसीह में आस्था स्थापित करने के लिए लोगों को उकसा रहे थे और लोगों को बरगलाने में जुटे थे। इतना ही नहीं वहां धर्म प्रचारक की भूमिका में बाहर से आए ये लोग हिन्दू देवताओं को शक्तिहीन बताते हुए यह भी समझा रहे थे कि अगर हिन्दू देवी देवताओं में शक्ति होती तो कोरोना महामारी न आती।
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ऐसे में शंकरलाल और उसके साथी अखिलेश ने मामला धर्मान्तरण के लिए प्रेरित करने का समझ कर इसकी सूचना पुलिस को सूचना दे दी। और शंकरलाल ने मौके पर चल रही गतिविधियों का वीडियो भी बनाया। शिकायत मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर धर्म प्रचारक की भूमिका निभा रहे शिवकुमार को हिरासत में लेकर वहां उपलब्ध प्रचार सामग्री ज़ब्त कर ली।
एसओ सलोन पंकज त्रिपाठी ने इस मामले में जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने पर शिवकुमार को हिरासत में लिया गया है और मामला भी दर्ज किया जाएगा। वहीं, अभी तक प्रशासनिक महकमे के लोग जांच की बात कह रहे हैं।
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जबकि आरोपी शिवकुमार इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए कह रहा है कि वह निमन्त्रण में आया था कोई प्रचारक नहीं है।