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अब किसी भी जनपद में कराया जा सकेगा वाहनों का फिटनेस टेस्ट

Writer D by Writer D
20/05/2023
in उत्तर प्रदेश, लखनऊ
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vehcile fitness test

vehcile fitness test

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लखनऊ। वाहनों के फिटनेस टेस्ट (Fitness Test)  को लेकर अब वाहन स्वामियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 को संशोधित करते हुए प्रदेश के समस्त वाहनों को किसी भी जनपद में फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करने की सुविधा दे दी है। शासन की ओर से इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

इस संशोधन के बाद नियमावली को उत्तर प्रदेश मोटरयान (29वां संशोधन) नियमावली 2023 कहा जाएगा। उल्लेखनीय है कि अभी तक जो व्यवस्था थी उसके अंतर्गत फिटनेस टेस्ट (Fitness Test)  के लिए वाहन स्वामियों को फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए उसी जनपद में टेस्ट के लिए वाहन को ले जाना होता था, जहां उसकी रजिस्ट्री हुई हो। लेकिन इस संशोधन के बाद इससे प्रदेश के हजारों वाहन स्वामियों को बड़ी राहत मिलेगी।

15 दिन में जारी होगा सर्टिफिकेट

नियमावली में जो संशोधन किया गया है उसके अनुसार राज्य के किसी भी जिले में वाहन के फिटनेस टेस्ट (Fitness Test)  के लिए आवेदन किया जा सकेगा। यदि वाहन किसी अन्य राज्य में प्रचालित किया जा रहा है तो विहित प्राधिकारी उत्तर प्रदेश के निकटतम जिले का रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या स्वचालित परीक्षण केंद्र होगा। इसके अतिरिक्त यदि परीक्षण का संचालन रजिस्ट्रीकृत जिले से अलग किसी अन्य जिले में किया जाता है तो वहां निरीक्षणकर्ता अधिकारी या प्राधिकृत परीक्षण केंद्र को उसी दिन या अनुवर्ती कार्यदिवस में अपनी रिपोर्ट परिवहन विभाग के पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।

यदि निरीक्षणकर्ता अधिकारी द्वारा वाहन, अधिनियम तथा नियमावली के उपबंधों के अनुपालन के अनुरूप पाया जाता है तो रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट 15 दिन में जारी किया जाएगा। हालांकि, इसके बाद अगला प्रमाण पत्र जहां वाहन की रजिस्ट्री हुई है, वहीं किसी प्राधिकृत परीक्षण केंद्र से प्राप्त किया जाएगा। इससे पहले जो व्यवस्था थी, उसमें विहित प्राधिकारी रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी ही होता था। फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए आवेदन पत्र उसी रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या प्राधिकृत परीक्षण केंद्र के समक्ष रखा जाता था, जिसके कार्यक्षेत्र में वाहन आता हो।

60 दिन पहले करना होगा आवेदन

किसी वाहन को निरीक्षण के लिए प्रस्तुत किए जाने पर रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या प्राधिकृत परीक्षण केंद्र अधिनियम व नियमावली के अनुरूप वाहन के ठीक हालत में होने का प्रमाण पत्र स्वीकृत करेंगे। वाहन स्वामी फिटनेस सर्टिफिकेट समाप्त होने के दिन से 60 दिन के अंदर रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या प्राधिकृत परीक्षण केंद्र के समक्ष परीक्षण फीस के साथ वाहन प्रस्तुत कर सकता है।

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यदि यान परीक्षण में असफल रहता है तो पुनः परीक्षण के लिए वाहन स्वामी तय फीस अदा कर फिर टेस्ट के लिए आवेदन कर सकता है। यदि वाहन के फिटनेस सर्टिफिकेट की समाप्ति के बाद रिन्यूअल का आवेदन किया जाता है तो रिन्यूअल सर्टिफिकेट जारी किए जाने के दिनांक से प्रभावी होगा। वहीं यदि वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट समाप्त होने के पूर्व रिन्यूअल सर्टिफिकेट प्राप्त किया जाता है तो ऐसी स्थिति में रिन्यूअल, वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट समाप्त होने की तारीख से प्रभावी होगा।

कई पुराने नियमों को किया खत्म

संशोधनों में कुछ नियमों को खत्म कर दिया गया है। इनमें रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या प्राधिकृत परीक्षण केंद्र अब यान के अगले निरीक्षण के लिए दिन तय नहीं कर सकेगा। साथ ही यान स्वामी के प्रमाण पत्र की समाप्ति के कम से कम एक माह के भीतर आवेदन करने और रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी द्वारा दिए गए दिन व समय की अनिवार्यता भी खत्म हो गई है। यदि स्वामी यान के ठीक होने का प्रमाण पत्र समाप्त होने के पूर्व निरीक्षण के लिए यान प्रस्तुत करने में विफल रहता है तो उसे तय फीस के साथ ही उसके बराबर अतिरिक्त धनराशि का भुगतान करना होगा।

Tags: Lucknow Newsup newsYogi News
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लखनऊ।  प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री  एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल हमारी जीवन शैली हो और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए व्यक्तियों के व्यवहार में परिवर्तन आए इसके लिए केंद्र सरकार की मिशन लाइव कार्यक्रम के पहल पर शहरों को साफ सुथरा, स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए योगी सरकार प्रदेश के सभी 762 निकायों में 'ना थ्रो, ना थ्रो ' RRR सेंटर बना रहा है। आगे चलकर इसे सभी निकायों के प्रत्येक वार्ड में बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव पर्यावरण के साथ हम सभी के जीवन को प्रभावित कर रहा है। प्रकृति का कम से कम दोहन कर हमें अपनी आवश्यकताओं को पूरा करना होगा। साथ ही अच्छे वातावरण के लिए अपने जीवन में रिड्यूस, रीयूज,रीसाइकिल की कार्य पद्धति को भी अपनाना होगा। कहां की मिशन लाइव कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने 20अक्टूबर, 2022 को गुजरात में की थी, जिसके कार्यक्रम आज पूरे देश में चल रहे हैं। हमारे प्रदेश में भी 15 मई से 05जून,2023 तक विशेष अभियान के रूप में संचालित किया जा रहा है। नगर विकास मंत्री एके शर्मा  (AK Sharma) ने आज लखनऊ नगर निगम द्वारा लालबाग के दया निधान पार्क में 'मेरी लाइफ मेरा स्वच्छ शहर ' अभियान के तहत स्थापित 'ना थ्रो, ना थ्रो' RRR सेंटर का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने नागरिकों से अपने घरों की निष्प्रयोज्य सामग्री को इधर उधर न फेंकने के बजाय निकायों में स्थापित RRR सेंटर को देने की अपील की। जिससे कि जरूरतमंदों कि इससे मदद की जा सके। लोगों के घरों में व्यर्थ पड़ी इस सामग्री का रिड्यूस रीयूज रीसाइकिल कर शहरों को और स्वच्छ, सुंदर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस निष्प्रयोज्य सामग्री को इधर-उधर फेंकने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, जल में जाने से पानी अशुद्ध होता है और नाले नालियों में जाने से यह चोक हो जाती है। ये सामग्री शहरों की साफ-सफाई और सुंदरता को भी खराब करती हैं। नगर विकास मंत्री  (AK Sharma) ने कहा की लोगों के घरों में पड़ी अनुपयोगी सामग्री किसी के लिए बहुत उपयोगी हो सकती है। किसी के जीवन का सपना इससे पूरा हो सकता है। वस्तुओं का रीयूज हमारी संस्कृति का भाग रहा है। इससे समाज को जोड़ने में मदद मिली थी, जिसे आज फिर से अपनाना होगा। उन्होंने लोगों को अपने घरों की इस प्रकार की अनुपयोगी सामग्री, जिसमें कपड़े, किताबें, खिलौने, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मशीनरी, साइकिल आदि RRR सेंटर को दे सकते हैं। इन केंद्रों को कपड़ा बैंक, किताब बैंक, बर्तन बैंक, खिलौना बैंक, फर्नीचर बैंक के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें जनभागीदारी बढ़ाने के लिए स्वयं सहायता समूहो, जनप्रतिनिधियों, व्यापारी वर्ग, स्टूडेंट, सर्विस क्लास का भी सहयोग लिया जाएगा। सामग्री को एकत्रित करने के लिए स्वच्छता रथ संचालित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के 810 सेंटर पूरे प्रदेश में अभी खोले जा चुके हैं।  श्री शर्मा  (AK Sharma) ने कहा कि सुबह बनारस शाम ए अवध  तथा मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं, हमारे प्रदेश की पहचान रही है। कहां थी पर्यावरण फ्रेंडली बनने के लिए हमें अपने जीवन में आरआरआर फार्मूले को अपनाना अपनाना होगा। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन से स्वच्छता के प्रति लोगों की धारणा बदली है,हमें अपने आसपास कूड़ा कचरा फैलने को रोकना होगा। इस पर ध्यान देना होगा कि कौन कूड़ा इधर उधर फेक रहा है। इसके पहले भी अनेकों प्रयास शहरों को सुंदर बनाने के लिए किए गए,जिसका परिणाम रहा कि जी-20 की बैठकों में आए विदेशी मेहमानों ने लखनऊ की स्वच्छता और सुंदरता की तारीफ की। इसके पहले चलाए गए सफ़ाई अभियानो से 4000 से अधिक कूड़ा स्थलों को साफ किया गया। अनेकों स्थानों पर नेकी की दीवार भी बनाई गई,जहां पर निष्प्रयोज्य सामग्री को इकट्ठा किया जाता है। केंद्र सरकार का यह अभियान उसका बृहद रूप ही है। कार्यक्रम में निकाय निदेशक  नेहा शर्मा, नगर आयुक्त  इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त  पंकज सिंह व अन्य अधिकारीयों के साथ शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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