अमृतसर। जेल (Jails) की सलाखें भी अब वंश बढ़ाने की गवाह बनेंगीं। जेल में बंद पति या पत्नी अपने लाइफ पार्टनर से एकांत में मिल सकेंगे। यह पहल पंजाब सरकार ने की है और इसकी वजह है पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इसी साल पहुंचे कुछ मामले।
पंजाब की 4 जेलों (Jails) में सुविधा मिली
जिसके बाद पंजाब सरकार ने अहम पहल की। यहां की जेल में कैदियों को जीवन साथी संग अकेले में कुछ समय बिताने की इजाजत दी जा रही है। इसके लिए जेल में अलग कमरा बनाया गया है। फिलहाल यह सुविधा इंदवाल साहिब, नाभा, लुधियाना और बठिंडा महिला जेल में शुरू की जा चुकी है। इसे सभी जेलों में शुरू करने की तैयारी है।
गैंगस्टर और यौन अपराधियों के लिए नहीं है यह सुविधा
लेकिन यह सुविधा अभी हर अपराधी के लिए नहीं है। कुख्यात अपराधी, गैंगस्टर और यौन अपराधों से जुड़े मामलों में सजा काट रहे कैदियों को यह सुविधा नहीं मिलेगी। जेल अधिकारी ने बताया कि इसके लिए कैदी पहले जेल प्रशासन को एप्लिकेशन देता है।
अर्जी मंजूर होने के बाद अच्छे आचरण वाले कैदियों को दो घंटे तक अपने जीवनसाथी के साथ रहने की अनुमति दी जाती है। इसके लिए जेल प्रशासन ने अलग कमरे तैयार किए हैं, जिनमें अलग डबल बेड, टेबल और अटैच बाथरूम भी होगा।
पहला मामला … मार्च 2022 में गुरुग्राम की एक महिला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंची। उसकी पिटीशन दूसरे केसों से कुछ अलग थी। महिला ने जेल में बंद पति से शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत मांगी थी। महिला ने दलील दी कि वह जेल में बंद पति से अपना वंश आगे बढ़ाना चाहती है। महिला ने कहा कि उसके पति को गुरुग्राम कोर्ट ने हत्या और अन्य अपराधों का दोषी ठहराया। 2018 के बाद से ही वह भोंडसी जिले की केंद्रीय जेल में बंद है।
दूसरा मामला… इससे पहले जनवरी 2022 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें पत्नी ने अपने पति से अलग कमरे में मिलने का समय मांगा। उसने संविधान के आर्टिकल 21 का हवाला दिया, जिसमें उसे इसका अधिकार मिला है।
तीसरा मामला … जसवीर सिंह ने याचिका दायर कर कहा था कि उसे अपना वंश आगे बढ़ाना है। पत्नी के गर्भवती होने तक उसे जेल में साथ रहने की अनुमति दी जाए। हाईकोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया था।
हाईकोर्ट का फैसला … इसी जसवीर सिंह बनाम पंजाब सरकार के केस में हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ को जेल रिफॉर्म्स कमेटी बनाकर इस बारे में नीति बनाने को कहा था।
मिलने से पहले होगा मेडिकल
इस तरह की मुलाकात से पहले पंजाब सरकार ने कुछ नियमों की लिस्ट भी तैयार कर रखी है। इसमें सबसे पहले शादी का प्रमाण-पत्र है। इसके लिए सबसे पहले पति-पत्नी होने का मैरिज सर्टिफिकेट दिखाना होगा। इसके बाद दूसरा सबसे बड़ा प्रमाण-पत्र मेडिकल सर्टिफिकेट होगा। जिसमें HIV, यौन संचार रोग (STD), कोरोना संक्रमण व अन्य ऐसी कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए। इसके बाद जेल प्रशासन दो घंटे का समय देगा, जिस पर पति-पत्नी अकेले में समय बिता सकेंगे।
हिजाब मामले में बंटा सुप्रीम कोर्ट, अब ऐसे होगी सुनवाई
क्यों महसूस हुई इस मुलाकात की जरूरत
जेल (Jails) में बंद कैदियों के साथ बाहर उनका परिवार भी सजा भोगता है। जेल से बाहर घर संभाल रही पत्नी को मानवाधिकारों के तहत वंशवृद्धि का अधिकार है। संविधान के आर्टिकल 21 के तहत महिला ही नहीं, हर किसी को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है। भारत के बाहर कई देशों में जेल में बंद कैदी एक अलग कमरे में अपने जीवन साथी से मिलते हैं। अमेरिका, फिलीपींस, कनाडा, सऊदी अरब, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में ये सुविधा दी जाती है।
जेल अफसरों को उम्मीद, कैदी सुधरेंगे
सीनियर अधिकारी ने बताया कि जेल में लंबे समय से मौजूद कैदियों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी। पत्नी या परिवार से मिलने की ललक, कैदियों को बदलने के लिए मजबूर करेगी। जेल विभाग को उम्मीद है कि उसकी इस पहल से पारिवारिक संबंध मजबूत होंगे और कैदी भी खुद को सुधारने का प्रयास करेंगे। इसके बाद जेलें असल में सुधार ग्रह में भी बदल सकती हैं।