लखनऊ। देश की राजधानी नई दिल्ली में बने नए संसद भवन में मंगलवार से कार्यवाही का शुभारंभ हो चुका है। संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन पुराने संसद भवन से नए संसद भवन में कार्यवाही को स्थानांतरित किया गया। इस मौके पर पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधित भी किया। वहीं, अब संसद भवन की तर्ज पर यूपी में भी नए विधानभवन (Vidhan Bhavan) बनाने का फैसला किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती के मौके पर यानी 25 दिसंबर को लखनऊ में नए विधानभवन (Vidhan Bhavan) की आधारशिला रखी जा सकती है। वर्ष 2023-24 के आम बजट में टोकन के तौर पर 50 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि दारुलशफा और आसपास के क्षेत्र को मिलाकर यूपी के नए विधानभवन का निर्माण होगा।
97 साल पुराना है विधानभवन (Vidhan Bhavan)
यूपी के वर्तमान विधानभवन (Vidhan Bhavan) का इतिहास 97 साल पुराना है, और इसकी नींव 15 दिसंबर, 1922 को तत्कालीन गवर्नर सर स्पेंसर हरकोर्ट बटलर ने रखी थी। जिसके छह साल बाद 1928 में विधानभवन का उद्घाटन हुआ था। लेकिन अब यह भवन आवश्यकता के अनुसार छोटा पड़ रहा है और भविष्य में होने वाले परिसीमन के मद्देनजर यह काफी छोटा साबित होगा।
ऐसे में नए विधानभवन (Vidhan Bhavan) के निर्माण का फैसला लिया गया है। सूत्रों की मानें तो कुछ समय पहले प्रदेश में नए विधानभवन निर्माण के लिए कंसल्टेंट का चयन किया गया था। कंसल्टेंट की ओर से किए गए सर्वे और मिट्टी के जांच के नतीजों को काफी गोपनीय रखा जा रहा है।
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ऐसा माना जा रहा है कि लोकभवन के पीछे दारुलशफा के पुराने भवन को ढाया जाएगा। योगी सरकार (Yogi Government) की कोशिश होगी कि 18वीं विधानसभा के कम से कम एक सत्र का आयोजन नए भवन में हो। संभवतः वर्ष 2027 से पहले इसका निर्माण पूरा कर लिया जाए।