व्यापार डेस्क. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और कोरोना काल में महिलाओं की आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार की तरफ से एक बड़ा कदम उठाया गया है. भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक(सिडबी) के तहत ‘महिला उद्यम निधि’ स्कीम चलाई जाती है जोकि महिलाओं को लघु-मध्यम उद्योग चलाने के लिए किफायती दर पर बिना गारंटी लोन देती है. जिसका फायदा आप भी आत्मनिर्भर बनने के लिए उठा सकती हैं.
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इस स्कीम के तहत महिलाओं को कारोबारी बनाने के लिए कम ब्याज दर पर लोन दिया जाता है. इस योजना में महिलाएं अधिकतम दस लाख रुपये का लोन ले सकती हैं. अधिकतम 10 साल में लोन रीपेमेंट की सुविधा मिलती है. इसमें पांच साल का मोरेटोरियम पीरियड भी होगा.
खास बात ये है कि लोन लेने के लिए महिलाओं को कोई कोलेटरल या सिक्योरिटी नहीं देना होता है. इस स्कीम को सिडबी ने पीएनबी के साथ शुरु किया लेकिन अब कई बैंक जुड़ गए हैं. इसका लाभ पाने के लिए पात्र महिलाओं के लिए कुछ शर्तें होंगी, जिसपर ध्यान देने की जरूरत है.
योजना के तहत ब्यूटी पार्लर, सैलून, सिलाई, कृषि और कृषि उपकरणों की सेवा, कैंटीन और रेस्टोरेंट, नर्सरी, लॉन्ड्री और ड्राई क्लीनिंग, डे केयर सेंटर, कम्प्यूटराइज़्ड डेस्क टॉप पब्लिशिंग, केबल टीवी नेटवर्क, फोटोकॉपी (जेरॉक्स) सेंटर, सड़क परिवहन ऑपरेटर, प्रशिक्षण संस्थान, वॉशिंग मशीन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल गैजेट्स रिपेयरिंग, जैम-जेली व मुरब्बा बनाना आदि छोटे उद्योग शुरू किए जा सकते हैं.
छोटे व्यवसाय (MSME), अति-छोटे व्यवसाय (SSI) की शुरुआत करने के लिए आवेदक महिला का किसी उद्योग से जुड़ा होना जरूरी है. व्यवसाय में महिला उद्यमी का मालिकाना हक कम से कम 51% होना चाहिए. स्वीकृत लोन के अनुसार संबंधित बैंक प्रति वर्ष 1% का सर्विस टैक्स लिया जाता है.