सिद्धार्थनगर। राष्ट्र की युवा शक्ति मे राष्ट्रप्रेम की भावना को विकसित करने, उनके व्यक्तित्व को विकसित करने और समाज के लोगों के साथ मिलकर समाज हित मे कार्य करने हेतु प्रेरित करने के लक्ष्य को लेकर,भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों को संचालित किया जाता है। अपने देश में राष्ट्रीय सेवा योजना की शुरुआत 24 सितम्बर 1969 को हुयी ।
वर्ष 2015 मे सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के अस्तित्व मे आने के बाद इससे सम्बद्ध जनपदों मे राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियां लगभग ठप्प सी पड़ गई थी । मई 2018 मे सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के दूसरे कुलपति के रुप मे प्रो०सुरेन्द्र दुबे ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद जून 2018 मे राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक के पद पर डॉ. पूर्णेश नारायण सिंह की नियुक्ति कर सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियां प्रारम्भ करने का आदेश दिया ।
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तब से इस विश्वविद्यालय मे राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियां नियमित रूप से यहाँ प्रारम्भ हुयी । सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि उत्तर प्रदेश मे श्रावस्ती जनपद के गठन के बाद से इस जनपद मे राष्ट्रीय सेवा की कोई इकाई गठित नही हुयी थी, इस जनपद मे पहली बार 2018 से राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियां प्रारम्भ हुयी।
राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों – स्वयंसेविकाओं द्वारा वर्ष पर्यन्त अनेकों समाज हित के कार्य किए जाते रहे है। अत्यंत अल्प समय और सीमित संसाधनों मे भी राष्ट्रीय सेवा योजना सिद्धार्थ विश्वविद्यालय ने अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की । प्री आर डी परेड हेतु स्वयंसेवको का चयन, राष्ट्रीय युवा संसद मे दमदार उपस्थिति के साथ वृक्षारोपण , जनजागरूकता अभियान, स्वच्छता अभियान के साथ कोविड 19 के दौरान लगातार सक्रियता।
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कोविड 19 के दौरान 06 रक्तदान शिविर आयोजित करने वाला सिद्धार्थ विश्वविद्यालय एकमात्र विश्वविद्यालय है। इसके अतिरिक्त प्रवासी श्रमिकों हेतु बस सेवा , सेनेटरी पैड , मास्क, साबुन आदि राहत सामग्री वितरण मे राष्ट्रीय सेवा योजना की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।