लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने योगी सरकार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरा है। कहा कि हत्या के मामलों में यह राज्य देश में पहले नम्बर पर है।
सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के जवाब में श्री चौधरी ने मंगलवार को एनसीआरबी के आंकड़े प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश आईपीसी,सीएलएल अपहरण महिलाओं के खिलाफ आईपीसी और सीएलएल अपराध, अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध/अत्याचार, राज्य के खिलाफ अपराध तथा हत्या के अपराधों में देश में प्रथम स्थान पर रहा है। साइबर अपराध में कर्नाटक के बाद दूसरे नम्बर पर है। देश के कुल साइबर अपराध का 25.6 प्रतिशत केवल उत्तर प्रदेश में हो रहे हैं।
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कोरोना काल के दौरान अचानक लाॅक डाउन के फैसले को अनियोजित बताते हुये उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना प्रबंधन में पूरी तरह से फेल रही। गरीब मजदूर भूखे-प्यासे पैदल ही अपने घरों की तरफ भागे, रास्ते में पुलिस द्वारा लाठियों से पीटे गये। आज तक लाॅक डाउन जैस त्रासदी नहीं देखी। संकट काल में सरकार सर्वदलीय बैठक करती है और विपक्ष के साथ मिलकर बातचीत करती है, लेकिन इस सरकार ने ऐसा कोई काम नहीं किया।
सपा नेता ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में प्रदेश में भारी भ्रष्टाचार हुआ, करोड़ों का घोटाला हुआ,आक्सीमीटर और अन्य सामान पांच गुना दाम पर खरीदे गये। पैसे का बंदर बाॅट हुआ। विपक्ष के लोगों ने गरीबों की मदद की तो उनपर मुकदमा दर्ज करा दिया गया। प्रदेश में कोरोना से कम सरकार के कोरोना प्रबन्धन से ज्यादा मौते हुई।
श्री चौधरी ने सरकार को दोषी ठहराते हुये प्रवासी मजदूरों की पैदल मार्ग, सड़क मार्ग, ट्रेन मार्ग से वापस घर जाते हुये मरने वाले महिला, पुरूष और बच्चों की संख्या बताने तथा उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता दिये जाने की माॅग की।
उन्होने कहा कि किसानों को आतंकवाद और परजीवी कहे जाने पर दुःख व्यक्त करते हुये कहा कि परजीवी उसे कहते हैं जिनका जीवन दूसरे पर निर्भर रहता है। किसान अन्नदाता है, दूसरों को अपनी मेहनत की उपज देकर जीवन देता है। राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी ने अपनी मृृत्यु से एक दिन पहले कहा था कि देश का प्रधानमंत्री किसान होना चाहिए।