छठ की पूजा (Chhath Puja) सूर्य उपासना के लिए समर्पित है। यह पर्व वैदिक काल से चला आ रहा है, जिसमें सूर्य देवता की पूजा की जाती है। छठ पूजा की तैयारी चार दिन पहले से शुरू हो जाती है। पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन सूर्य की पूजा और चौथे दिन उषा अर्घ्य देना होता है। सतयुग में हमारे ऋषि-मुनी, सूर्य और अग्नि के उपासक थे। माता सीता ने भी सूर्य देव की आराधना की। कृष्ण जी के बेटे से लेकर कर्ण तक सभी ने सूर्य देव की उपासना की। 7 नवंबर के दिन सूर्य देव की पूजा की जाएगी। इस दिन संध्या काल में सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव को अर्घ्य देते समय कुछ मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। छठ (Chhath Puja) के तीसरे व चौथे दिन इस विधि से दें सूर्य देव को अर्घ्य, जानें मुहूर्त व सूर्य मंत्र-
इस विधि से दें सूर्य देव को अर्घ्य:
सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए एक लोटे में पवित्र जल लें। कच्चे दूध की कुछ बूंदे, लाल चंदन व फूल, अक्षत और कुश मिलाई जाती है। सूर्य देव की ओर मुख कर सूर्य मंत्र का जाप करते हुए धीरे-धीरे जलधारा प्रवाहित कर अर्घ्य दें। अर्घ्य के दौरान छठ व्रती हाथों में फल और प्रसाद से भरा दउरा-सूप लेकर सूर्य भगवान की उपासना करती हैं। तीसरे दिन शाम को सूर्य की अंतिम किरण प्रत्युषा को अर्घ्य देकर नमन किया जाता है। माना जाता है कि छठ में शाम के वक्त सूर्य को अर्घ्य देने से लंबी आयु की भी प्राप्ति होती है।
छठ पूजा (Chhath Puja) में सूर्य को अर्घ्य कब दिया जाता है?
छठ पूजा (Chhath Puja) में किसी नदी या तालाब में खड़े होकर सूर्य उपासना की जाती है और अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा के तीसरे दिन संध्याकाल में अस्त होते सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। वहीं, छठ पूजा के चौथे और आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। बांस के सूप में गन्ना, ठेकुआ, चावल के लड्डू, फल, सहित अन्य सामग्री रखकर पानी में खड़े होकर पूजन किया जाता है।
सूर्य मंत्र
– ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।।
– ॐ सूर्याय नम: ।।
– ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा ।।
– ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर: ।।
– ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।।
सूर्य देव को अर्घ्य देने का मुहूर्त:
छठ पूजा (Chhath Puja) का तीसरा दिन गुरुवार को है। पंचांग अनुसार, 7 नवंबर के दिन सूर्यास्त शाम 05 बजकर 32 मिनट पर होगा, यानि की अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य देने का कार्य 5 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होगा।
शुक्रवार को छठ पूजन (Chhath Puja) का चौथा दिन है। इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 06 बजकर 38 मिनट है। ऐसे में व्रती सुबह 6 बजकर 38 मिनट से सूर्य की लालिमा नजर आने के साथ ही अर्घ्य देना प्रारंभ कर सकती हैं।