हिंदू धर्म में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तरह ही राधा अष्टमी (Radhashtami) का विशेष महत्व है। जन्माष्टमी के 15 दिन बाद राधा अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त को मनाया गया जिसके बाद राधा अष्टमी (Radhashtami) का पर्व बुधवार 11 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन राधा रानी की विधि विधान से पूजा करने के बाद कुछ खास चीजों का भोग लगया जाता है। राधा रानी के भोग में अगर आप उनकी पसंद की चीजों को शामिल करते हैं तो राधा रानी प्रसन्न होती हैं और सुख समृद्धि प्रदान करती हैं।
राधा रानी का भोग
राधा अष्टमी (Radhashtami) के दिन किशोरी जी को रबड़ी का भोग लगाया जा सकता है। क्योंकि माना जाता है कि राधा रानी को रबड़ी बहुत प्रिय है। ऐसा करने से किशोरी प्रसन्न होती हैं।
मालपुए का भोग
राधा अष्टमी (Radhashtami) के दिन किशोरी जी को मिठाई के रूप में मालपुए का भी भोग लगाया जा सकता है, मान्यता है कि राधा रानी को मालपुए का भोग लगाने से घर में चल रहा क्लेश दूर होता है और सुख समृद्धि आती है।
पान के बीड़े का भोग
राधा अष्टमी (Radhashtami) के दिन राधा रानी को पान के बीड़े का भोग जरूर लगाना चाहिए। कहा जाता है कि पान का बीड़ा श्रीकृष्ण को बहुत ही प्रिय है, इसलिए यह किशोरी जी का भी प्रिय भोग माना जाता है।
मोहन थाल का भोग
राधा अष्टमी की पूजा में भोग के रूप में मोहन थाल भी अर्पित कर सकते हैं। कहा जाता है कि ब्रज के उन सभी मंदिरों में मोहन थाल का भोग लगया जाता है जहां राधा रानी अपने प्रिय श्रीकृष्ण के साथ विराजमान हैं।
पंचामृत का भोग
पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल को मिलाकर बनाया जाता है। भगवान कृष्ण के साथ राधा रानी को भी बहुत प्रिय है। इसलिए यह जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण को और राधा अष्टमी के दिन किशोरी जी को पंचामृत का भोग लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है।