रविवार का दिन भगवान सूर्य (surya dev) की पूजा के लिए बेहद खास होता है। मान्यता है कि, जो लोग इस दिन सूर्य की विशेष पूजा करते हैं, उन्हें घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है और दरिद्रता से मुक्ति भी मिल सकती है। हिंदू धर्म के शास्त्रों में सूर्य पूजा के लिए कई मंत्र बताए गए हैं जिनके जाप से आप सूर्य देव को जल्दी प्रसन्न कर सकते हैं।
ऊर्जा की होती है प्राप्ति
सूर्यदेव को जल का अर्घ्य देने के पीछे माना जाता है कि जो भी मनुष्य सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पित करता है उसके दिन की शुरुआत अच्छे से होती है। प्राचीन काल में लोग तालाब या नदी में स्नान करते समय सूर्य देवता को अर्घ्य देते थे। धार्मिक मान्यतानुसार, सुबह उठकर सूर्य देवता के दर्शन करने और जल अर्पित करने से व्यक्ति की आत्मा और मन को ऊर्जा मिलती है।
यदि यह प्रक्रिया नियमित रूप से की जाए तो ऐसा माना जाता है कि मनुष्य का सौभाग्य बना रहता है। न सिर्फ धार्मिक बल्कि ज्योतिष और विज्ञान में ऐसा करना फायदेमंद बताया गया है चलिए हम आपको बताएंगे कि ज्योतिषीय और वैज्ञानिक आधार पर सूर्य को अर्घ्य देना कितना आवश्यक है।त पता चली। वहीं लिवर, किडनी व अग्नाशय में भी गंभीर चोट होने की बात सामने आई।
सूर्य देव की पूजा-विधि
रविवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, इसके बाद किसी मंदिर या घर में ही सूर्य को जल अर्पित करें।
इस दिन तांबे के लोटे में जल भरें और इसमें चावल-फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
रविवार के दिन गुड़ या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
रविवार के दिन सूर्य मंत्र स्तुति का पाठ करें। इस पाठ के साथ शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना करें।
इसके अलावा रविवार के दिन व्रत रखें और सुबह के समय धूप, दीप से सूर्य देव का पूजन करें।
व्रत रखने के दौरान सिर्फ एक समय फलाहार करना चाहिए।
अगर आप प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाते हैं तो यह आपके लिए लाभकारी होगा।
पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप विशेष रूप से करें-
ऊं खखोल्काय शान्ताय करणत्रयहेतवे।
निवेदयामि चात्मानं नमस्ते ज्ञानरूपिणे।।
त्वमेव ब्रह्म परममापो ज्योती रसोमृत्तम्।
भूर्भुव: स्वस्त्वमोङ्कार: सर्वो रुद्र: सनातन:।।