सनातन संस्कृति में ‘ॐ’ (Om) का उच्चारण अत्यंत पवित्र एवं प्रभावशाली माना गया है। इसके उच्चारण में अ+उ+म् अक्षर आते हैं, जिसमें ‘अ’ वर्ण ‘सृष्टि’ का घोतक है ‘उ’ वर्ण ‘स्थिति’ दर्शाता है जबकि ‘म्’ ‘लय’ का सूचक है। ॐ (Om) के जाप से तीनों शक्तियों का एक साथ आवाहन हो जाता है। ॐ के उच्चारण के बाद मन और दिमाग शांत होने की प्रक्रिया के बारे में हम सभी जानते हैं। लेकिन ॐ के उच्चारण से आपकी कई बीमारियां भी ठीक हो सकती है।
आइए जानते हैं ॐ जपने के फायदों के बारे में…
ह्रदय की पंपिंग क्रिया बढ़ती है
फेफड़ों, ह्रदय और मस्तिष्क का व्यायाम होता है। फेफड़ों का मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन मिलती है। हृदय की पंपिंग क्रिया में सुधार होता है। शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन अधिक मिलने से कमजोर सेल्स भी सक्रिय होते हैं। शरीर ऊर्जावान होता है। इसके उच्चारण से गले में कंपन से थाइरॉइड में भी लाभ होता है।
मानसिक लाभ
इससे दिमाग शांत रहता है, तनाव उलझन अवसाद आदि मानसिक रोगों से भी बचाव होता है। इस योग को ‘ऐज ऑफ एंजाइटी’ भी कहा जाता है। तनाव से डायबिटीज, थाइरॉइड, हार्ड डिजीज, आर्थराइटिस, ब्लड प्रेशर, कैंसर हड्डियों आदि से जुड़े रोगों का खतरा बढ़ता है। अनिद्रा की समस्या है तो नियमित रात में सोते समय इसका उच्चारण करने से भी लाभ मिलता है, साथ ही खराब आदतें भी छूटती है।
दिमागी सेहत
मस्तिष्क में कई तरह के हार्मोन्स होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए जिम्मेदार है। ॐ के उच्चारण से मन प्रसन्न रहता है, हम अंदर से खुश होते हैं जिससे शरीर में हैप्पी हारमोंस डोपामिन ऑक्सीटॉसिन सेरोटोनिन एंडोर्फिन का स्तर बढ़ता है। छात्रों को इसका सही तरह से उच्चारण सीख कर नियमित 10:15 मिनट करना चाहिए, इससे स्मरण शक्ति बढ़ती है और ध्यान भी केंद्रित होता है।
कैसे करें उच्चारण
ॐ का उच्चारण कहीं तरह से किया जाता है, लेकिन सामान्य रूप से गहराई से सांस ले और पूरी सांस निकलने तक उच्चारण करें। इसे कई बार जल्दी-जल्दी भी उच्चारण कर सकते हैं, तब आस-पास कोई दूसरी आवाज नहीं होती है। इसे हम सीधे जुड़ते हैं, मन नियंत्रित होता है बाहर से जुड़ाव अलग हो जाते हैं।
घबराहट हो तो रोक दे
इसके उच्चारण के समय अगर घबराहट या सही उच्चारण ना हो तो रोक दे। फिर थोड़ी देर आंखों को बंद कर गहरी सांस लें और छोड़े। इसके बाद से उच्चारण शुरू करें इसका उच्चारण रोजाना कम से कम 108 बार करें।
किसे नहीं करना चाहिए
हाल ही कोई सर्जरी हुई है, गर्भावस्था में महावारी के दौरान नहीं करें। जिनका ब्लड प्रेशर अधिक और हाल ही हार्ड अटैक आया हो। बुखार निमोनिया या फेफड़ों की बीमारी कीमोथेरेपी या फिर दिमागी बीमारी का इलाज चल रहा हो तो इससे करने से बचें।