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Omicron: केंद्र की नई गाइडलाइन, विदेश यात्रियों का एयरपोर्ट पर होगा कोविड टेस्ट 

भारत में कोरोना संक्रमण के मामले 10 हजार से भले ही कम आ रहे हो, लेकिन कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से दुनिया के अन्य देशों समेत भारत भी चिंतित है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे के मद्देनजर भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए आज नई गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइन के मुताबिक, ‘एट रिस्क’ यानी जोखिम वाले देशों से आने वाले विदेश यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही कोविड-19 टेस्ट से गुजरना होगा। इस दौरान कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लिए लोगों को भी टेस्टिंग कराना अनिवार्य होगा।

सरकार के आदेश के मुताबिक एयर सुविधा पोर्टल पर यात्रियों को तीन दिन के अंदर में आई आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अपलोड करनी होगी। यही नहीं ‘ऐट-रिस्क’ देशों से आने वाले लोगों को एयरपोर्ट पर टेस्टिंग से भी गुजरना होगा। यदि इन देशों से आने वाले यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो फिर उनके सैंपल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा और उन्हें क्वारेंटाइन रहना होगा।

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यह क्वारेंटाइन उन्हें किसी अस्पताल में रहना होगा। यदि वे निगेटिव आते हैं तो भी होम क्वारेंटाइन में 7 दिन गुजारने होंगे। यही नहीं 8वें दिन एक बार फिर से उनका टेस्ट होगा और अगले 7 दिन तक सेहत की निगरानी करनी होगी।

यही नहीं दुनिया के किसी भी देश से आने वाले यात्रियों में से 5 फीसदी लोगों की रैंडम टेस्टिंग होगी। सरकार ने कहा है कि ‘ऐट-रिस्क’ देशों से आने वाले यात्रियों को टेस्टिंग का खर्च खुद देना होगा, जबकि रैंडम टेस्टिंग का खर्च सरकार वहन करेगी।

भारत सरकार ने जिन देशों को खतरे वाली श्रेणी में रखा है, उनमें दक्षिण अफ्रीका, चीन, ब्रिटेन, यूरोपीय देश, बांग्लादेश, ब्राजील, बोट्सवाना, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बॉब्वे, हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर और इजरायल शामिल हैं। इससे पहले सरकार ने टॉप अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी और उसके बाद ही अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर यह फैसला लिया गया है।

नई गाइडलाइन्स की प्रमुख बातें-

>> ‘एट रिस्क’ यानी जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही कोरोना जांच कराना होगा।

>> विदेश जाने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले किए गए आरटीपी-सीआर टेस्ट की रिपोर्ट दिखाना जरूरी होगा।

>> संक्रमित पाए जाने वाले यात्रियों को आइसोलेट किया जाएगा, सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग भी होगी।

>> निगेटिव रिपोर्ट आने पर यात्री घर तो जा सकते हैं, लेकिन एक सप्ताह तक उन्हें क्वारंटीन रहना पड़ेगा। इसके बाद  8वें दिन फिर टेस्ट होगा और अगले 7 दिन उन्हें सेल्फ मॉनीटिरिंग करनी होगी।

>> ओमिक्रॉन के खतरे की श्रेणी से जिन देशों को बाहर रखा गया है, वहां से आने वाले यात्रियों में 5 फीसदी की टेस्टिंग जरूर की जाएगी।

>> राज्य भी विदेशों से आने वाले यात्रियों की निगरानी करें, टेस्टिंग बढ़ाएं और कोरोना हॉटस्पॉट की भी निगरानी करें।

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