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कोरोना से भारत में प्रतिदिन हो रही है औसतन 11 सौ मौत

एनआईटी निदेशक प्रो.एसएल सोनी का एम्स में निधन NIT Director Prof. SL Soni dies in AIIMS

एनआईटी निदेशक प्रो.एसएल सोनी का एम्स में निधन

 

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में भले कमी आ रही है, लेकिन संक्रमण से मरने वालों की दर जस की तस है। भारत से उलट दुनिया के दो अन्य सर्वाधिक संक्रमित देशों- अमेरिका और ब्राजील में मरने वालों की संख्या घट रही है। भारत में हर दिन औसतन 11 सौ मौतें हो रही हैं। इस कारण देश में मरने वालों का आंकड़ा एक लाख से ऊपर चला गया है। इस समय दुनिया में कुल 10 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं।

दुनिया में हर दस में से एक मौत भारत में हुई है। हर दिन दुनिया में होने वाली मौतों में भारत का हिस्सा सबसे ज्यादा है। दुनिया में हर दिन औसतन चार से छह हजार के बीच मौतें हो रही हैं। इसमें अकेले भारत का हिस्सा औसतन 11 सौ से ज्यादा मौतों का है। उधर, अमेरिका और ब्राजील में मौत का ग्राफ तेजी से घटने लगा है। इन दोनों देशों में हर दिन औसतन आठ सौ मरीजों की मौत हो रही है।

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इस बीच भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि लगातार 11वें दिन संक्रमण के शिकार एक्टिव केसेज की संख्या 10 लाख से कम रही। गौरतलब है कि इलाज से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा भारत में है। शुक्रवार को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में संक्रमण से ठीक हुए लोगों की संख्या बढ़कर 53 लाख 52 हजार 78 हो गई है। देश में लोगों के ठीक होने की दर 83.70 फीसदी हो गई है।

शुक्रवार की सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा- 10 लाख लोग महज 12 दिन में संक्रमण से ठीक हुए हैं। कोरोना संक्रमण के बाद इलाज से ठीक होने वाले लोगों की संख्या के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर बना हुआ है। मंत्रालय ने बताया कि देश में इस समय नौ लाख 42 हजार 217 एक्टिव केसेज हैं, जो कि कुल मामलों का 14.74 फीसदी है। इनमें सबसे ज्यादा ढाई लाख मरीज महाराष्ट्र के हैं। कर्नाटक में भी एक लाख से ज्यादा एक्टिव केसेज हैं।

 

 

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