मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग मौन व्रत रखते हैं और पितरों का तर्पण करते हैं। इस दिन मौन व्रत रखने से मन को शांति मिलती है और पितरों का तर्पण करके उन्हें शांति प्रदान की जाती है। यह दिन ध्यान और योग के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए पूजा-पाठ से लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) की तिथि 28 जनवरी शाम को 7 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी। वही अगले दिन 29 जनवरी सुबह 6 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) 29 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन व्रत भी रखा जाएगा। इस दिन महाकुंभ में दूसरा अमृत स्नान भी किया जाएगा।
सूर्यदेव को ऐसे दें अर्घ्य
– सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देना सबसे शुभ माना जाता है।
– यदि आप सूर्योदय से पहले उठकर अर्घ्य दे सकते हैं तो यह और भी अच्छा है।
– सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
– एक साफ स्थान पर बैठकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।
– एक तांबे के लोटे में जल भरें। जल में कुछ कुमकुम, चंदन और फूल डालें।
– सूर्य देव को अर्घ्य देते समय “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।
– दोनों हाथों से तांबे का लोटा पकड़कर सूर्य देव को जल अर्पित करें।
– अर्घ्य देने के बाद सूर्य देव को प्रणाम करें।
इन बातों का रखें ध्यान
– सूर्य देव को अर्घ्य देने से शरीर स्वस्थ रहता है और रोगों से मुक्ति दिलाता है।
– आंखों की रोशनी बढ़ती है और मन शांत रहता है।
– सूर्य देव को अर्घ्य देते समय ध्यान रखें कि आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर हो।
– अर्घ्य देते समय मन में कोई भी नकारात्मक भावना नहीं होनी चाहिए।
– सूर्य ग्रहण के समय सूर्य देव को अर्घ्य नहीं देना चाहिए।
– आप सूर्य देव को रोली, चंदन, अक्षत, फूल आदि भी चढ़ा सकते हैं।
– सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद आप सूर्य नमस्कार भी कर सकते हैं।
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) का महत्व
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना एक पवित्र कार्य है। यह न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है बल्कि आपके आध्यात्मिक विकास के लिए भी बहुत फायदेमंद है। सूर्य देव को अर्घ्य देने से जीवन में आने वाली परेशानियां खत्म होती हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा हर कार्य में सफलता मिलती है और अधूरे कार्य पूरे होने लगते हैं।