प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत-जापान की दोस्ती के प्रतीक रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर का लोकार्पण किया। इसकी नींव 2015 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ पीएम मोदी ने रखी थी। जिसका आज प्रधानमंत्री ने उद्घाटन कर दिया। इस दौरान जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसे कंवेंशन सेटंर में पीएम मोदी और लोगों ने सुना। लोकार्पण के समय जापान के राजदूत सुजकी सतोशी और उनकी पत्नी भी मौजूद थीं।
जापान के प्रधानमंत्री ने नमस्कार के साथ अपने संदेश की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि जापान के लोगों की तरफ से मैं वाराणसी में रुद्राक्ष कंवेशंन सेंटर के लोकार्पण पर बधाई देता हूं। भारत के केंद्र में बसा वाराणसी शहर का बहुत लंबा इतिहास रहा है। यह एक समृद्ध संस्कृति से भरा शहर भी है। यह शहर जापान के साथ गहरे संबंध रखता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान की प्राचीन राजधानी क्योटो का दौरा किया था, जिसके बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और क्योटो विश्वविद्यालय के बीच संस्कृति और शैक्षणिक आदान-प्रदान किया जा रहा है, जो एक उदाहरण है। जापान के पीएम ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उस शहर में इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन और रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर बनाया गया है। जापान की अनुदान सहायता के जरिए यह सेंटर जापान और भारत के बीच दोस्ती के प्रतीक के रूप में बनाया गया है।
भारत-जापान की दोस्ती की मिसाल है रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर, जानिए इसकी खासियत
यह जापान की कंपनी द्वारा निर्मित और डिजाइन किया गया है। यह जापान की प्रौद्योगिकी का उतकृष्ट कार्य का नमूना है। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इसका नाम रुद्राक्ष रखा है, जो ज्ञान का प्रतीक लगे। मुझे उम्मीद है कि इस केंद्र को एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा और छात्रावास, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और संस्कृति के साथ कला कार्यक्रमों के माध्यम से जापान इंडिया कॉर्पोरेशन का प्रदर्शन किया जाएगा। यह जापान और भारत के बीच दोस्ती का एक नया प्रतीक बन जाएगा।
जापान और भारत स्वतंत्रता लोकतंत्र और कानून के शासन और रणनीतिक हित जैसे मौलिक मूल्यों को साझा करते हैं, दोनों देशों ने आदान-प्रदान के लंबे इतिहास के दौरान सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं।
रुद्राभ कंवेंशन सेंटर में पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि कोरोना काल में जब दुनिया ठहर गई थी, तब काशी अनुशासित हुई थी लेकिन विकास की धारा यहां पर अविरल बहती रहती थी। काशी के विकास के आयाम इंटरनेशनल सेंटर रुद्राक्ष आज इसी रचनात्मकता और गतिशीलता का परिणाम है। काशी के हर जन को बधाई देता हूं। भारत के परम मित्र जापान और पीएम के साथ जापान के राजदूत को भी धन्यवाद देता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान के पीएम का संदेश देखा। उनकी वजह से यह उपहार मिला है। जापान के प्रधानमंत्री उस समय चीफ सेक्रेटरी थे और तबसे इसमें व्यक्तिगत तौर पर शामिल रहे। पीएम मोदी ने कहा, इस आयोजन में एक और व्यक्ति जिनको भूल नहीं सकता, वो हैं शिंजो आबे जी। मुझे याद है जब वह प्रधानमंत्री के तौर पर काशी आए थे तो रुद्राक्ष के आइडिया पर लंबी चर्चा की थी। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिया और जापान के कल्चर पर परफेक्शन और प्लानिंग के साथ काम किया और आज भव्य इमारत काशी की शोभा बढ़ा रही है।