25 जून…ये वो तारीख है जब भारतीय टेस्ट क्रिकेट का उदय हुआ। आज ही के दिन टीम इंडिया ने पहली बार टेस्ट मैच खेला था। ये मुकाबला 1932 को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला गया और सीके नायडू भारत के पहले कप्तान बने।
भारत को पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की टीम ने बेहद हल्के में ले लिया था इसीलिए शायद ये मुकाबला तीन दिवसीय रखा गया। लेकिन जब मुकाबला शुरू हुआ तो भारत की गेंदबाजी और बल्लेबाजी देख इंग्लैंड के लोग और क्रिकेटर दंग रह गए।
मुकाबले में इंग्लैंड के कप्तान डगलस जार्डिन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। इंग्लैंड की टीम ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनका सामना भारत के किस गेंदबाज से होने वाला है। कप्तान सीके नायडू ने तेज गेंदबाज मोहम्मद निसार को गेंद सौंपी और उनकी रफ्तार ने अंग्रेजों के होश उड़ा दिये। इंग्लैंड के 3 विकेट महज 19 रन पर गिर गए और उसके ओपनर पर्सी होम्स और हर्बर्ट सटक्लिफ को निसार ने बोल्ड कर पैवेलियन की राह दिखाई। वहीं फ्रैंक वूली रन आउट हुए।
हालांकि इंग्लैंड के कप्तान डगलस जार्डिन ने शानदार 79 रन बनाकर अपनी टीम को संभाला और उनकी टीम पहली पारी में 259 रनों पर ढेर हो गई। मोहम्मद निसार ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में 5 विकेट चटकाने का कारनामा किया। कप्तान सीके नायडू ने भी 2 विकेट झटके। डगलस जार्डिन का विकेट सीके नायडू को ही मिला।
भारत की गेंदबाजी तो शानदार रही लेकिन टीम के बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाए। भारतीय टीम पहली पारी में महज 189 रन बना सकी। कप्तान सीके नायडू ने सबसे ज्यादा 40 रन बनाए। बता दें सीके नायडू और अच्छी बल्लेबाजी कर सकते थे लेकिन फील्डिंग के दौरान उनके हाथ में चोट लग गई थी। दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम ने 8 विकेट पर 275 रन बनाए। भारत की ओर से जहांगीर खान ने 60 रन देकर 4 विकेट लिये। भारत को जीत के लिए 346 रनों का विशाल लक्ष्य मिला और टीम 187 रन ही बना पाई। भारत अपना पहला टेस्ट मैच 159 रनों से जरूर हारा लेकिन इसके बावजूद उसके प्रदर्शन ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा।
सीके नायडू को कहा गया ‘हिंदू ब्रैडमैन’
भारत को इंग्लैंड दौरे पर महज एक ही टेस्ट मैच खेलना था लेकिन इसके बाद टीम इंडिया ने काउंटी टीमों के खिलाफ मैच खेले। कप्तान सीके नायडू ने मिडिलसेक्स और समरसेट के खिलाफ शानदार शतक जड़ा और पूरे दौरे पर उन्होंने 1613 रन ठोके। इसके अलावा उन्होंने 59 विकेट भी चटकाए। सीके नायडू ने पूरे दौरे में 32 छक्के मारे जो कि उस वक्त के हिसाब से काफी बड़ी बात थी। सीके नायडू इंग्लैंड में इतने प्रसिद्ध हो गए कि उन्हें एक ब्रिटिश अखबार ने हिंदू ब्रैडमैन तक कहा। सीके नायडू को हिंदू ब्रैडमैन इसलिए कहा गया था क्योंकि वो बंबई जिमखाना में हिंदू टीम की ओर से खेलते थे।