छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले के बकावंड ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत नारावड (माटीगुङा पारा) में आंगनबाड़ी केंद्र में डेढ़ वर्षीय मासूम बच्ची का टीकाकरण किया गया था। एक साथ दो टीके और पोलियो की दवा भी पिलाई गई थी, दूसरे दिन डेढ़ वर्षीय जानवी की मौत हो गई।
परिजनों का कहना है कि उनकी बच्ची स्वस्थ थी, उसे किसी प्रकार की बीमारी नहीं थी। टीका लगने के बाद अचानक रात को बुखार होने पर बच्ची को बुखार की सिरप पिलाई गई। सिरप पिलाने के थोड़ी देर बाद बुखार उतर गया।
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सुबह तेज बुखार होने पर मितानिन को इसकी सूचना दी गई, इसी दौरान सुबह 10 बजे बच्ची की मौत हो गई।
स्थानीय डॉ. भंवर से बच्ची के मौत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि टीका की वजह से कभी मौत नहीं हुई है।