हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड (Hathras Gangrape Case) में गुरुवार को ढाई साल बाद SC-ST कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 4 आरोपियों में से सिर्फ एक संदीप ठाकुर को दोषी माना है। जबकि 3 आरोपियों लवकुश सिंह, रामू सिंह और रवि सिंह को बरी कर दिया। अदालत ने संदीप को गैर इरादतन हत्या ( धारा-304) और SC/ST एक्ट में दोषी माना है। संदीप को दोपहर बाद कोर्ट में सजा सुनाई जा सकती है।
4 आरोपियों में से किसी पर भी गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। वहीं, पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा है, ”वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।” इससे पहले, गुरुवार सुबह चारों आरोपियों को पेशी पर कोर्ट लाया गया था। फैसले को देखते हुए कोर्ट में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था।
पीड़िता के बयान पर चार युवक बनाए गए थे आरोपी
पीड़िता ने इलाज के दौरान बयान में चार युवकों संदीप, रामू, लवकुश और रवि पर गैंगरेप का आरोप लगाया था। इसके आधार पर पुलिस ने चारों युवकों को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में यूपी पुलिस पर तमाम तरह के सवाल खड़े हुए थे। आरोप था कि पुलिस ने परिवार को बिना बताए युवती का अंतिम संस्कार कर दिया था। इतना ही नहीं यूपी पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दावा किया था कि पीड़िता के साथ गैंग रेप नहीं हुआ। यूपी पुलिस के इस बयान के बाद कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई थी। इस मामले में योगी सरकार ने एसआईटी भी बनाई थी।
सीबीआई ने की मामले में जांच
हालांकि, देशभर में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुआ था। इस मामले में योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद सीबीआई ने जांच संभाली और कई बार पीड़िता के परिवार से पूछताछ की थी। इतना ही नहीं सीबीआई ने अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों से पूछताछ की थी। आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट और ब्रेन मैपिंग भी किया गया था। पिछले दिनों सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी।
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सीबीआई ने 22 सितंबर को दिए गए पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी और निर्णय कोर्ट के ऊपर छोड़ा है। सीबीआई ने हाथरस केस से संबंधित मामले में 4 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। एजेंसी ने चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की थी। आरोपियों पर धारा-325, SC-ST एक्ट 376 A और 376 D (गैंग रेप) और 302 की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई थीं।