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चार्जिंग में लगी स्कूटी की बैटरी फटने से लगी आग में एक की मौत, दो गंभीर

Explosion

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गुरुग्राम के सेक्टर-40 थाना क्षेत्र के रमाडा होटल के सामने किराए के कमरे में बृहस्पतिवार रात को चार्जिंग में लगी स्कूटी की बैटरी फटने से आग लग गई। आग की लपटें और धुएं से दम घुटने से एक बुजुर्ग की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि महिला और उनके तीन बेटे झुलस गए।

पड़ोसियों ने खिड़की की ग्रिल उखाड़कर सभी को बाहर निकालकर आग पर काबू पाया। महिला और उनके बेटे की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि दो को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले सिंह ने रमाडा होटल के सामने कमरे बनाकर किराए पर दिए हैं। उनके यहां करीब चार वर्षों से किराए पर मूलरूप से दरभंगा बिहार के सुरेश शाह (60 साल) पत्नी रीना, बेटे मनोज, सरोज और अनुज के साथ रहते हैं।

सुरेश सीएनजी पंप के पास चाय की दुकान करते थे। मनोज और सरोज एक बैटरी स्कूटर की कंपनी में काम करते थे। बृहस्पतिवार रात को सभी अपने कमरे में रात करीब 11 बजे सोने चले गए। इस दौरान स्कूटी की बैटरी को कमरे में ही चार्जिंग पर लगाया हुआ था।

रात में अचानक वह फट गई। इससे कमरे में आग लग गई और धुआं भर गया। धमाके की आवाज सुनकर उनके कमरे के सामने रहने वाले सतीश बाहर की ओर भागे। धुआं निकलता देखकर आसपास के कमरे से लोगों को एकत्र किया। इसके बाद दरवाजा खोलने का प्रयास किया। दरवाजा नहीं खुलने पर लोगों ने बाहर से खिड़की की लोहे की ग्रिल काटी। अंदर कमरे में जाकर दरवाजा खोलकर सभी को बाहर निकाला। जब तक सुरेश की मौत हो चुकी थी।

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सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से महिला और उनके बेटों को दिल्ली सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां महिला और उनके एक बेटे की हालत गंभीर बनी हुई है। एसएचओ थाना सेक्टर-40 ने बताया कि आग की लपटें और धुएं से दम घुटने से एक की मौत हुई है, जबकि महिला और उनके बेटे का इलाज चल रहा है। महिला और एक बेटे की हालत गंभीर है। दो बेटों को छुट्टी दे दी गई। चार्जिंग के दौरान बैटरी फटने से आग लगने का अंदेशा है।

पड़ोसी सुरेश ने बताया कि रात में वह खाना खाने के लिए बैठे थे। तभी तेज धमाका हुआ। धमाके की आवाज सुनकर वह बाहर की ओर भागे। तभी उनके कमरे के दरवाजे के नीचे से धुआं निकल रहा था। सभी किराएदारों की मदद से पीड़ितों को बाहर निकालकर पानी डालकर आग पर काबू पाया गया। धमाका इतना तेज था कि गाटर पटिया की छत में दरार आ गई। गनीमत रही कि छत नहीं गिरी वरना हादसा और बड़ा हो जाता।

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जिस मकान में हादसा हुआ, वहां पर सात कमरे हैं। इनमें सात परिवार किराए पर रहते हैं। सुरेश के कमरे में गैस के भरे एक बड़े और एक छोटे सिलिंडर भी रखे थे। गनीमत रही कि समय रहते पड़ोसी ने आवाज सुनकर लोगों की मदद से आग पर काबू पा लिया। यदि सिलिंडर में आग लगती तो धमाका बड़ा हो सकता था। इससे कई लोगों की जान पर बन सकती थी। लोगों की सजगता से हादसा टल गया।

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