माफिया डॉन खान मुबारक का दाहिना हाथ माने जाने वाला परवेज रविवार को गोरखपुर में एसटीएफ ने मार गिराया। उस पर एक लाख रुपये का ईनाम था और वर्ष 2018 से उसकी तलाश की जा रही थी। बसपा नेता जुरगाम मेंहदी की हत्या के बाद परवेज जिले से फरार हो गया था। परवेज की पत्नी रुबीना पर भी एक लाख रुपये का ईनाम है।
एनकाउंटर में मारे गए परवेज के अपराधिक इतिहास पर नजर डालें तो 2012 में एक हत्या में शामिल होने के बाद उसका नाम सामने आया था। मूलरूप से अलीगंज थाना क्षेत्र के मखदूम नगर का रहने वाला परवेज शादी होने के बाद से हंसवर थाना क्षेत्र के ओझीपुर गांव में स्थित अपनी ससुराल में पत्नी रुबीना के साथ रहने लगा था। यहीं से उसकी पहचान हंसवर थाना क्षेत्र के ही हरसंभार गांव के रहने वाले माफिया खान मुबारक से हुई थी। खान मुबारक से हाथ मिलाने के बाद परवेज ने जब जरायम की दुनिया में कदम रखा तब फिर उसने अपने कदम वापस नहीं खींचे।
कुख्यात डॉन खान मुबारक का करीबी शूटर परवेज़ को STF ने किया ढेर
हंसवर थाने में ही 2012 से 2018 के बीच में उस पर हत्या के तीन मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा उस पर गैंगस्टर सहित अन्य गम्भीर अपराधों में भी हंसवर थाने में मुकदमें पंजीकृत किए गए हैं। परवेज के विरुद्ध हंसवर थाने में ही 10 मुकदमा पंजीकृत है।
गत वर्ष प्रदेश सरकार द्वारा अपराधियों के विरूद्ध चलाए गए विशेष अभियान में जिले की पुलिस ने परवेज और रुबीना के मखदूम नगर में स्थित आवास को भी सील कर दिया था। कुछ हिस्से को ध्वस्त करा दिया था। परवेज एनटीपीसी में कोयले की राख के ठेके के मामले में अक्सर हस्तक्षेप किया करता था, जिसके कारण वह सुर्खियों में रहा करता था। परवेज को मार गिराए जाने के बाद जिले की पुलिस को काफी सुकून मिला है। हालांकि अभी उसकी पत्नी रुबीना पुलिस के चंगुल से बाहर है। रुबीना व उसके दोनों बच्चों का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है। फिलहाल उनके नेपाल में होने की बात बताई जा रही है।