नोएडा। स्वाइन फ्लू (Swine Flu) से राजनगर एक्सटेंशन के कारोबारी की सोमवार को मौत हो गई। चार दिन से वह निजी अस्पताल में भर्ती थे। मामले में अस्पताल को नोटिस जारी कर मरीज की सूचना स्वास्थ्य विभाग को न देने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
राजनगर एक्सटेंशन निवासी 54 वर्षीय कपड़ा कारोबारी को 18 अप्रैल को बुखार, हाइपरटेंशन की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में उन्हें गंभीर निमोनिया की भी पुष्टि हुई। मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। स्वाइन फ्लू (H1N1) की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सोमवार सुबह उनकी मौत हो गई। अस्पताल के अनुसार, कारोबारी को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने कहा, अस्पताल से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
गाजियाबाद जिले में पांच साल बाद स्वाइन फ्लू (Swine Flu) से किसी की मौत हुई है। इससे पहले वर्ष 2019 में मोदीनगर की आदर्श कॉलोनी निवासी 62 वर्षीय महिला मंजू शर्मा की जान चली गई थी। वर्ष 2017 में स्वाइन फ्लू का सबसे ज्यादा असर दिखा था। उस समय चार लोगों की मौत हो गई थी। सोमवार को कारोबारी की मौत से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर ने बताया कि कारोबारी के घर के आसपास जांच कराई जा रही है।
स्वाइन फ्लू (Swine Flu) के लक्षण
शरीर में दर्द, ठंड लगना, खांसी, सिरदर्द, बुखार, उल्टी और दस्त। सामान्य फ्लू जैसे लक्षण होने के बाद भी यह इंसानों के लिए जानलेवा है। गंभीर मामलों में सांस की तकलीफ होती है,जिससे मौत का खतरा है। हालांकि, अधिकांश लोगों में लक्षण हल्के होते हैं।
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वायरस वाली सतह से संक्रमण को आपके शरीर में फैलने से रोकने के लिए बार-बार छुई जाने वाली सतहों की नियमित रूप से साफ-सफाई करें। इस बीमारी से पीड़ित लोगों के संपर्क में आने से बचें। यदि लक्षण आ गए हैं तो डॉक्टर से सलाह के अनुसार दवा लें और घर पर ही रहें।
जांच कराना जरूरी
इसके लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं। इसलिए फ्लू में अंतर करना मुश्किल होता है। डॉक्टर H1N1 टेस्ट के जरिए संक्रमण की जांच करते हैं। यह बीमारी लगभग आठ दिनों तक रहती है।
इन पर जल्दी असर
कुछ लोगों में H1N1 फ्लू का खतरा अधिक होता है। बुजुर्गों, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, मधुमेह, एचआईवी व कैंसर पीड़ितों, गर्भवती महिला, अस्थमा, हृदय रोग से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी की जरूरत है।
फैलने का खतरा
स्वाइन फ्लू (Swine Flu) हवा के जरिए एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से वायरस दूसरों में फैल जाता है। इसलिए ऐसे लोग हमेशा रूमाल या कपड़े का इस्तेमाल करें। स्वाइन फ्लू आमतौर पर H1N1 फ्लू इन्फ्लूएंजा-ए वायरस के परिवार का हिस्सा है। यह वायरस आमतौर पर संक्रमित सूअर के संपर्क में आने से होता है। यह मरीज के नाक, गले और फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित करता है।