नवरात्रि के नौ दिनों का हिंदू सनातन धर्म में बहुत महत्व माना जाता है। हिंदू धर्म में इन नौ दिनों को भक्त बहुत हर्षोल्लास और खुशी के साथ मनाते हैं। वर्ष में दो नवरात्रि आती है। चैत्र माह में पहली तो दूसरी शारदीय नवरात्रि होती हैं। दोनों ही नवरात्रि में मां के नौ स्वरुपों की पूजा की जाती है।
मां दुर्गा का आशीर्वाद ग्रहण करने के लिए ये दिन बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। नौ दिनों तक भक्तों को मां की कृपा पाने के लिए सयंम और श्रद्धा के साथ आराधना करनी चाहिए। नवरात्रि के दिनों में नियमों का पालन करना आवश्यक माना गया है इसलिए इन नौ दिनों में कुछ बातों को ध्यान रखना अति आवश्यक होता है।
नवरात्रि के दिनों में चाहे आप व्रत करें या न करें परंतु भूलकर भी इन दिनों में तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। मांस मदिरा का सेवन तो भूलकर भी न करें। सब्जियों में लहसुन और प्याज को तामसिक माना गया है इसलिए नवरात्रि में प्याज लहसुन का प्रयोग वर्जित माना जाता है।
अगर आपको नाखून और बाल आदि की कटिंग करवानी है तो पहले ही करवा लें नवरात्रि में भूलकर भी बाल या दाढ़ी मूंछे नहीं कटवानी चाहिए और न ही नाखून काटने चाहिए। मान्यता है कि इन कार्यों को करने से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अगर आपने पूरे व्रत रखे हैं तो पलंग या कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए। दिन के समय न सोएं, रात्रि में माता की चौकी के पास ही भूमि पर बिस्तर लगाकर सोएं। अगर आपने अपने घर में अखंड ज्योति जलाई है तो घर को कभी अकेला न छोड़े। अगर कहीं जाना आवश्यक है तो घर के किसी सदस्य को मां की चौकी के पास बिठाकर जाएं।
नवरात्रि के दिनों में ब्रह्मचार्य का पालन करना आवश्यक होता है। इसलिए पूर्ण ब्रह्मचार्य का पालन करते हुआ मां के व्रत और आराधना करे। अपने मन में किसी भी प्रकार के बुरे विचार न लाएं पूरा समय मां के ध्यान और भजन कीर्तन में व्यतीत करें।