नई दिल्ली| आलू और टमाटर के आंख दिखाते ही प्याज भी अब आम आदमी को रुलाने के लिए बेताब है। एक हफ्ते में कई जगह इसकी कीमत दोगुनी हो गई है। पिछले साल की तरह इस साल भी प्याज की वजह से सरकार की किरकिरी न हो इसलिए मोदी सरकार ने पहले ही इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में राजनीति तेज हो गई है।
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वहीं महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने केंद्र के इस कदम को ‘किसान-विरोधी ‘महापाप और ‘अन्याय भरा कदम बताया। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा, ” राज्य के मंत्रियों द्वारा केंद्र सरकार के प्याज निर्यात पर रोक लगाने को लेकर रोष जताने के बाद मुख्यमंत्री ठाकरे ने मंत्रिमंडल की बैठक में इसे लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखने की बात कही।
राज्य की गठबंधन सरकार में सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने केंद्र के इस निर्णय को किसान-विरोधी और उन पर दबाव बढ़ाने वाला ‘महापाप बताया। राकांपा मुख्यालय पर एक बैठक में पवार ने कहा, ”केंद्र सरकार ने ऐसे समय पर प्याज के निर्यात पर रोक लगाई है, जब किसानों को अच्छी कीमत मिल रही थी।
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थोराट ने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से प्याज के दाम 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल गिर गए हैं। ”राज्य में किसान बाढ़ और चक्रवात के चलते भारी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। राज्य सरकार उनकी जितनी मदद कर सकती है, कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार सहयोग नहीं कर रही। महाराष्ट्र प्याज का एक प्रमुख उत्पादक राज्य है।