नई दिल्ली: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा (Lok Sabha) में ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन एवं रेगुलेटरी बिल, 2025 (Online Gaming Bill) पेश किया। बिल पेश होते ही पीसी मोहन की अध्यक्षता में सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई।
बताया जा रहा है कि कैबिनेट ने मंगलवार को इस विधेयक को मंजूरी दी थी। प्रस्तावित कानून मॉनेटरी कंपोनेंट वाले ऑनलाइन गेम्स (Online Games) पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाएगा। कैबिनेट का मानना है कि ऐसे गेम बच्चों और युवाओं में लत, आर्थिक नुकसान और यहां तक कि आत्महत्या जैसी घटनाओं को भी बढ़ावा देते हैं।
क्या है बिल में प्रावधान?
– ऑनलाइन मनी गेमिंग (Online Gaming) सेवाएं उपलब्ध कराने वालों को 3 साल तक की कैद या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
– इन सेवाओं का विज्ञापन करने वालों को 2 साल की जेल और/या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना झेलना पड़ सकता है।
– बैंक और वित्तीय संस्थान जो इन गेम्स के लिए लेन-देन की सुविधा देंगे, उन्हें भी दंडित किया जाएगा।
– बार-बार अपराध करने पर सजा और कड़ी होगी — 3 से 5 साल की जेल और भारी जुर्माना।
– बिल में स्पष्ट किया गया है कि गेम खेलने वाले अपराधी नहीं, बल्कि पीड़ित माने जाएंगे।
रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन
बिल (Online Gaming Bill) के तहत एक रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाई जाएगी। यह अथॉरिटी तय करेगी कि कौन सा गेम “ऑनलाइन मनी गेम” की श्रेणी में आता है। सभी गेमिंग प्लेटफॉर्म को अथॉरिटी से रजिस्ट्रेशन कराना होगा और उसकी गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
ऑनलाइन मनी गेम्स को इस तरह परिभाषित किया गया है कि इसमें खिलाड़ी शुल्क देकर, पैसा या दांव लगाकर जीतने की उम्मीद में हिस्सा लेते हैं। चाहे वह खेल कौशल (स्किल), संयोग (चांस) या दोनों पर आधारित हो।
बिल (Online Gaming Bill) का उद्देश्य और असर
अधिकारियों के मुताबिक, इस कानून का मकसद गेमिंग सेक्टर में बिखरे हुए नियमों को खत्म करना और जुए, वित्तीय शोषण, मानसिक स्वास्थ्य जोखिम और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों पर रोक लगाना है। कैबिनेट चर्चा के दौरान ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े गंभीर वित्तीय संकट और आत्महत्या के मामलों पर भी चिंता जताई गई।
इसके साथ ही, विधेयक ई-स्पोर्ट्स इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। सरकार का कहना है कि यह कदम भारतीय स्टार्टअप्स को अवसर देगा और इस क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक नवाचार को प्रोत्साहित करेगा।