नई दिल्ली. पेगासस जासूसी पर सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विपक्ष के सवाल-जवाब के बाद अब भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘यह बिल्कुल साफ है कि पेगासस स्पायवेयर एक कमर्शियल कंपनी है, जो पेड कॉन्ट्रैक्ट्स पर काम करती है। इसलिए यह सवाल लाजमी है कि ऑपरेशन के लिए उन्हें किसने पैसे दिए? भारत सरकार नहीं तो कौन? भारत की जनता को सच्चाई से वाकिफ कराना मोदी सरकार का फर्ज है।’
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इसके बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि पेगासस एक प्रोडक्ट है, NSO इजराइल की कर्मिशियल कंपनी है। आपके पसंदीदा देशों में से एक। आप इकलौते व्यक्ति हैं, जो मोदी-शाह और NSO से वो फैक्ट निकाल सकते हैं, जो आप जानना चाहते हैं। उन्हें किसने भुगतान किया? यह सवाल लाजमी है।
वहीं, स्वामी ने कहा कि अगर हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो प्रधानमंत्री मोदी को चाहिए कि वह इजराइली प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखें और NSO पेगासस प्रोजेक्ट का पता लगाएं। यह भी पता लगाया जाए कि इसके लिए किसने खर्च किया।
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पूरा मामला?
हाल ही में न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत सरकार ने 2017 से 2019 के दौरान करीब 300 भारतीयों की जासूसी की है। इन लोगों में पत्रकार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, विपक्ष के नेता और बिजनेसमैन शामिल हैं। सरकार ने पेगासस स्पायवेयर के जरिए इन लोगों के फोन हैक किए थे। हालांकि, सरकार ने सफाई देते हुए सभी आरोपों को निराधार बताया है।
न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों की जासूसी की गई है उनमें 300 भारतीय लोगों के नाम शामिल हैं। जासूसी के लिए इजराइली कंपनी द्वारा बनाए गए स्पायवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया है।